कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गरीब और पीड़ित लोगों के साथ हमेशा खड़े नजर आते हैं। भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिये लोगों का दिल जीत चुके राहुल गांधी अब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गये हैं मगर उनके स्वभाव में जरा भी बदलाव नहीं आया है। वह लोगों का दुख दर्द जानने के लिए अक्सर उनके बीच पहुँच जाते हैं। संसद का सत्र खत्म हुआ तो राहुल सड़क पर उतर पड़े। एक दिन पहले वह दिल्ली में मजदूरों के साथ उनके अनुभव और समस्याएं जान रहे थे। आज वह उत्तर प्रदेश के हाथरस पहुँचे जहां भगदड़ की घटना में मारे गये लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उनका दर्द समझा। राहुल गांधी जब पीड़ित परिवारों से मिल रहे थे या पीड़ित परिवार जब राहुल गांधी के साथ अपना दर्द साझा कर रहे थे, उस समय की तस्वीरों को देखेंगे तो यही लगेगा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल अब देश की नई उम्मीद बनते जा रहे हैं।
यदि गरीब, मजदूर, पीड़ित और शोषित व्यक्ति को राहुल गांधी से उम्मीद दिख रही है तो यह कांग्रेस के लिए शुभ संकेत है। यह शुभ संकेत देश के लिए भी है क्योंकि उसे एक ऐसा नेता मिल गया है जो आम लोगों के बीच उनका दर्द जानने के लिए कभी भी पहुँच जाता है। प्रधानमंत्री भले राहुल गांधी को बालक बुद्धि कहें लेकिन वह हाथरस घटना के पीड़ित परिवारों से मिलने वाले पहले नेता हैं। राहुल गांधी जिस तरह आम लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को उभार रहे हैं और गरीबों तथा मजदूरों की हालत को दर्शा रहे हैं उससे सरकार के उन दावों पर भी सवाल उठता है जिसके तहत कहा जा रहा है कि गरीबों और वंचितों के जीवन में बड़ा बदलाव आ गया है।
दिल्ली में मजदूरों के साथ बातचीत के बाद जब राहुल गांधी ने कहा कि इन श्रमिकों को सम्मान दिलाना उनकी जिंदगी का मिशन है तो इससे देश भर के मजदूरों के मन में नई उम्मीद जगी है। राहुल गांधी जब हाथरस पहुँचे तो उनसे मिल कर लोग फफक फफक कर रो रहे थे। आज जो दृश्य दिखे वैसे दृश्य दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथरस दौरे के दौरान नहीं दिखे थे। उस समय प्रशासन के लोगों से मुख्यमंत्री की बातचीत, घायलों से मुख्यमंत्री की मुलाकात और मुख्यमंत्री की मीडिया वार्ता ही सुर्खियों में रही लेकिन आज राहुल गांधी के हाथरस पहुँचने पर उन परिवारों का असली दर्द देश के सामने आया। देखना होगा कि राहुल गांधी ने हाथरस की जनता से जो वादे किये हैं उन्हें वह कितना पूरा करवा पाते हैं।