राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव की शुचिता पर फिर उठाए सवाल

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की शुचिता को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि प्रदेश में वोट की चोरी हुई है और इस बारे में जानकारी छिपाना ही इसकी स्वीकारोक्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को डिजिटल मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज तत्काल जारी करनी चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी की इन टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि मुख्य विपक्षी दल अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए बिना किसी सबूत के सवाल उठा रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या केवल पांच महीनों में आठ प्रतिशत बढ़ गई।उन्होंने दावा किया, ‘‘कुछ बूथों पर 20-50 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। बीएलओ ने अज्ञात व्यक्तियों द्वारा वोट डालने की सूचना दी। मीडिया ने बिना किसी सत्यापित पते वाले हजारों मतदाताओं को उजागर किया। और ईसी? चुप – या मिलीभगत!

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ये अलग-अलग गड़बड़ियां नहीं हैं। ये वोट की चोरी है। छिपाना ही स्वीकारोक्ति है।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘इसलिए हम ‘मशीन-रीडेबल’ डिजिटल मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज को तत्काल जारी करने की मांग करते हैं।’’ उन्होंने पिछले दिनों अलग-अलग भाषाओं के अखबारों में लेख लिखकर भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए थे।

इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने कहा कि जैसा कि भारतीय चुनाव आयोग ने पहले ही सूचित किया है कि मतदाता सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती है। कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वर्ष 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले किए गए दूसरे विशेष सारांश संशोधन-2024 के दौरान सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों की मसौदा और अंतिम मतदाता सूची की प्रतियां कांग्रेस सहित सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रदान की गई थी।’’

दूसरी तरफ, निर्वाचन आयोग ने बीते 12 जून को राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि आयोग द्वारा सभी चुनाव संसद द्वारा पारित कानूनों और नियमों के अनुसार कराए जाते हैं। आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया कि पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान हजारों कर्मी तैनात होते हैं, जिनमें राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ-स्तरीय एजेंट भी शामिल हैं।

इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने कहा कि जैसा कि भारतीय चुनाव आयोग ने पहले ही सूचित किया है कि मतदाता सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती है। कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वर्ष 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले किए गए दूसरे विशेष सारांश संशोधन-2024 के दौरान सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों की मसौदा और अंतिम मतदाता सूची की प्रतियां कांग्रेस सहित सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रदान की गई थी।’’

दूसरी तरफ, निर्वाचन आयोग ने बीते 12 जून को राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि आयोग द्वारा सभी चुनाव संसद द्वारा पारित कानूनों और नियमों के अनुसार कराए जाते हैं। आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया कि पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान हजारों कर्मी तैनात होते हैं, जिनमें राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ-स्तरीय एजेंट भी शामिल हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस और राहुल गांधी, दोनों ही ‘‘लोकतंत्र विरोधी’’ और ‘‘आपातकाल समर्थक’’ हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राहुल गांधी की 90 चुनावी हार को छिपाने के लिए, कांग्रेस पार्टी बिना किसी सबूत के शोर मचाती है और भाग जाती है।’’ भंडारी ने दावा किया, ‘‘सच्चाई यह है कि जब भी राहुल विफल होते हैं, कांग्रेस मतदाताओं, न्यायपालिका या निर्वाचन आयोग पर हमला करती है।

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