लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी लगातार सीट बंटवारे को लेकर विपक्ष के गठबंधन इंडिया के सहयोगी दलों के साथ बैठक कर रही है। हालांकि लोकसभा चुनावों से पहले माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सभी पार्टियां अपनी सीटों में किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं दिख रही है। एक तरफ किसी पार्टी ने सभी सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है जबकि दूसरी पार्टी ने सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा करने से ही इंकार कर दिया है।
ऐसे में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी पार्टियों के साथ एकजुट होने के उद्देश्य पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस पार्टी के साथ सीट बंटवारे को लेकर बैठक करने से इंकार कर दिया है। ये जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी।
कांग्रेस पार्टी लगातार सभी साथी पार्टियों के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा कर रही है। इस कड़ी में आम आदमी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी, आरजेडी, समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस की चर्चा हो चुकी है। वहीं इसी बीच तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के साथ बैठक करने से इंकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस अपने किसी प्रतिनिधि को नहीं भेजने जा रही है। इसके पीछे कारण बताया गया है कि टीएमसी ने बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में महज दो सीटें ही कांग्रेस पार्टी को देने के लिए सहमत हुई है। वहीं कांग्रेस पश्चिम बंगाल में महज दो सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी नहीं है क्योंकि ये बेहद कम है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी छह से 10 सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में है।
कांग्रेस पार्टी को दो सीटें देने के संबंध में टीएमसी के नेता ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए ये सीटें दी गई है। कांग्रेस पार्टी को 42 सीटों में से 39 सीटों पर पांच प्रतिशत से भी कम वोट हासिल हुए थे। वहीं पार्टी के सूत्रों का कहना है कि बंगाल की सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करने की जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी की है। इस बार लोकसभा चुनावों के दौरान तृणमूल कांग्रेस मेघालय और असम में भी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
जिस तरह तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में सीटों को लेकर अपना पक्ष साफ कर दिया है उसी तरह से पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने नई घोषणा की है, जिसके बाद इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग की बात मजाक लग रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) राज्य की सभी 13 लोकसभा सीट जीतेगी और विपक्षी दल अपना खाता नहीं खोल सकेंगे। यानी आम आदमी पार्टी पंजाब में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
बता दें कि ये बयान भगवंत मान ने तब दिया जब वो 14 पुस्तकालयों का लोकार्पण करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। भगवंत मान ने इस दौरान विपक्षी राजनीतिक दलों पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं से जनता बहुत तंग आ चुकी है। लोगों का आप पर भरोसा है जिसकी बदौलत पार्टी आगामी आम चुनाव में राज्य की सभी सीट पर जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा, लोगों ने आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 13 सीट आप को देने का मन बना लिया है। भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मान ने आरोप लगाा कि उसने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना रोकने के लिए राज्य को ट्रेन नहीं दी।
उन्होंने कहा कि अग्रिम भुगतान कर देने के बाद भी सात और 15 दिसंबर को निर्धारित ट्रेन पंजाब को नहीं मिलीं। मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस परेड में राज्य की झांकी को शामिल नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य की झांकी को शामिल नहीं कर भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय, उधम सिंह, करतार सिंह सराभा, माई भागो और अन्य महान शहीदों का अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गणतंत्र दिवस परेड में उनकी झांकी को शामिल नहीं करके इन नायकों के योगदान और बलिदान को कमतर करने की कोशिश कर रही है।