श्रीहरि विष्णु को समर्पित हैं पुत्रदा एकादशी

हर साल पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 10 जनवरी 2025 को किया जा रहा है। जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना से रखा जाता है। सिर्फ निःसंतान दंपत्ति ही नहीं, बल्कि जो भी जातक अपनी मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, वह भी यह व्रत कर सकते हैं।

इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। वहीं इस साल पौष पुत्रदा एकादशी पर एक दुर्लभ योग बन रहा है। ऐसे में इस शुभ योग में पूजा करने से व्यक्ति को श्रीहरि की असीम कृपा प्राप्त होगी।

बता दें कि 10 जनवरी 2025 को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जा रहा है। 09 जनवरी की दोपहर 12:22 मिनट पर एकादशी तिथि की शुरूआत हुई है। तो वहीं 10 जनवरी की सुबह 10:19 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के अनुसार, यह व्रत 10 जनवरी 2025 को किया जा रहा है। वहीं व्रत का पारण अगले दिन यानी की 11 जनवरी की सुबह 07:15 मिनट से लेकर 08:21 मिनट के बीच किया जाएगा। पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति की कामना से किया जाता है।

पौष पुत्रदा एकादशी साल की पहली एकादशी है। इसकी वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। पुत्रदा एकादशी पर श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करके आप पूरे साल के लिए उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले लोग पुत्रदा एकादशी का व्रत रखते हैं।

संतान के सुख और कल्याण के लिए यह व्रत किया जाता है। अगर पति-पत्नी साथ मिलकर यह व्रत करते हैं, तो उनको स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। जिनके पहले से संतान है, वह लोग भी यह व्रत कर सकते हैं। इससे उनकी संतान का जीवन सुखी होता है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। 

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