फ़ेक पैकर्स-मूवर्स से अपने घर के कीमती सामान को लुटने से बचाएं : मूवर्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया

नई दिल्ली। अक्सर आप खबर पढ़ते हैं कि फर्जी पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी लोगों का सामान या कार लेकर चंपत हो गई । अनेक लोग लाखों रुपए का घर एवं कंपनी का कीमती सामान या महंगी गाड़ी गंवा बैठते हैं । लोगों को जागरूक कर इस तरह के फ्रॉड रोकने और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य को लेकर बंगलोर से फ़ेडरेशन के संस्थापक अजित शर्मा के साथ इंडस्ट्री के ही कुछ लोगों ने बीड़ा उठाया और 2018 में मूवर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एमएफआई ) नामक संगठन का गठन किया । इस संगठन द्वारा देश भर की बेहतरीन पैकर्स मूवर्स कंपनियों को सदस्य बनाया गया और इंडस्ट्री को संगठित करने के प्रयास किए गए। यह संगठन अपनी सदस्य कंपनियों को नई तकनीक का इस्तेमाल कर बेहतर काम करने का प्रशिक्षण देता है । एमएफआई फ्रॉड कंपनियों से बचने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाता है ।

25 और 26 मार्च को एमएफआई की 5वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस दिल्ली के लीला होटल में आयोजित की गई । एमएफआई के प्रवक्ता व सचिव अनूप मिश्रा ने बताया कि संगठन इंडस्ट्री में गुणवत्ता के उच्च मानकों के लिए कटिबद्ध है और अपने सदस्यों के काम काज पर कड़ी नजर रखता है । किसी भी सदस्य के किसी भी तरह की गलत व्यापारिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर संगठन की सदस्यता से हटा दिया जाता है । कॉन्फ्रेंस में उपस्थित संगठन के सभी सदस्यों ने शपथ भी ली कि वह अपना काम पूरी इमानदारी और सच्चाई के साथ करेंगे और ग्राहकों को बेहतरीन सेवा प्रदान करेंगें।

पिछले दो साल में कोरोना महामारी के दौरान बदले परिदृश्य में एमएफआई ने इंडस्ट्री को भी तेजी से बदलने की हिदायत दी है, ऑनलाइन ट्रैकिंग, ई बिलिंग, वीडियो सर्वे और मानव संपर्क रहित डिलीवरी जैसे नए तरीके अपनाने पर जोर दिया गया है । संगठन के अनुसार कोरोना काल में फर्जी पैकर्स मूवर्स कंपनियों द्वारा देश के अनेक शहरों में पीड़ित लोगों की मदद करने और उनका लूटा गया सामान बरामद करवाने में संगठन सफल रहा है । एमएफआई संगठन के अनुसार नामी गिरामी कंपनियों से मिलते जुलते नामों वाली कंपनियों से उपभोक्ता गुमराह होते हैं और ऐसी कंपनियों को संगठन का सदस्य नहीं बनाया जायेगा ।

संगठन द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत सामान की पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने की मुहिम भी पिछले कई वर्षों से चलाई जा रही है । रियूजेबल कपड़े के कंबलों को पैकेजिंग के लिए प्रयोग करने पर जोर दिया जा रहा है ।

एमएफआई का कहना है कि अनुमानित 5 बिलियन डॉलर वाली भारतीय पैकर्स एंड मूवर्स इंडस्ट्री करोड़ों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है और कोरोना के चलते इस इंडस्ट्री को बहुत भारी नुक्सान पहुंचा है । संगठन के चेयरमैन अजीत शर्मा और संस्थापक सदस्यों आलोक भार्गव , रमेश जांगड़ा , जतिन गुलाटी द्वारा सरकार से इस इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज देने की भी मांग की गई है।

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