राष्ट्रीय राजधानी में ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ शुरू

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के लिए रजिस्ट्रेशन अभियान की औपचारिक शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य मंदिरों के पुजारियों और ग्रंथियों के सम्मान और उनके कल्याण के लिए एक ठोस कदम उठाना है।

केजरीवाल अपनी पत्नी के साथ ‘मरघट वाले बाबा मंदिर’ (आईएसबीटी) गए, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और भगवान हनुमान से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर, अरविंद केजरीवाल ने योजना के तहत मंदिर के महंत को व्यक्तिगत रूप से पंजीकरण करवाया, जो इस राज्यव्यापी योजना के कार्यान्वयन की शुरुआत का प्रतीक था।

‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य दिल्ली के मंदिरों में काम करने वाले पुजारियों और ग्रंथियों को सम्मानित करना और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। इस योजना के तहत, पुजारियों और ग्रंथियों को वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ताकि वे अपनी दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा कर सकें और उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।

इस योजना के प्रमुख उद्देश्य : पुजारियों और ग्रंथियों को उनकी सेवाओं के बदले एक निश्चित राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी ताकि पुजारी और ग्रंथी अपनी सेहत का ध्यान रख सकें। योजना में पेंशन की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि पुजारियों और ग्रंथियों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। पुजारियों और ग्रंथियों को उनके धार्मिक और सामाजिक योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।

यह योजना दिल्ली के धार्मिक समुदाय के योगदान को मान्यता देने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस योजना की शुरुआत करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जो पुजारियों और ग्रंथियों को समाज में उनके महत्वपूर्ण स्थान के लिए सम्मानित करेगा।

इस योजना के माध्यम से दिल्ली सरकार पुजारियों और ग्रंथियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और उन्हें बेहतर जीवन देने का प्रयास कर रही है। यह योजना मंदिरों के पुजारियों और ग्रंथियों को वित्तीय सहायता और अन्य सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उनकी सामाजिक और धार्मिक भूमिका को सम्मानित करती है। इसके अंतर्गत, पुजारियों और ग्रंथियों को एक निश्चित राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। इस पहल से उनके सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने का उद्देश्य है।

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