
लखनऊ। यूपी पुलिस को पुलिसिंग से जुड़े हर क्षेत्र में विश्वस्तरीय बनाने के लिए एक महीने में रोडमैप तैयार होगा। रोड मैप में विभागीय अधिकारियों की सहभागिता के साथ ही हर तरह के अपराध से जूझने वाले लोगों की रायशुमारी भी ली जाएगी। डीजीपी राजीव कृष्ण ने इसके लिए पुलिस मुख्यालय और फील्ड में तैनात अफसरों से अलग-अलग प्रस्ताव मांगे हैं। एक महीने के अंदर ये सभी अधिकारी अपने प्रस्तावों का प्रस्तुतिकरण देंगे। उनके प्रस्तावों के बेहतरीन हिस्से को जमीन पर लाकर यूपी पुलिस को हर क्षेत्र में वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा।
इसके लिए 11 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है और हर क्षेत्र के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी पुलिस की हर सेवा को विश्वस्तरीय और देश में सर्वश्रेष्ठ बनाया जाएगा। मुख्यालय स्तर पर एक और फील्ड स्तर पर एक-एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को इसे और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए 11 अलग-अलग काम सौंपे गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति, महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा, जनता की शिकायतों का समय पर निपटारा, कानून व्यवस्था का कार्यान्वयन, साइबर अपराध नियंत्रण, बेहतर पुलिस सेवाएं, पुलिस कल्याण, प्रतिभा और विशेषज्ञता का उपयोग, प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग, प्रशिक्षण और यातायात प्रबंधन शामिल हैं।
डीजीपी ने बताया कि विभिन्न अधिकारियों को उनकी रुचि के अनुसार कार्य सौंपा गया है। डीजीपी ने बताया कि इस संबंध में सोमवार से अधिकारियों के प्रेजेंटेशन शुरू हो जाएंगे। एक महीने में सभी अधिकारियों के प्रस्तुतिकरण होने के बाद उनके प्रस्तावों के सर्वश्रेष्ठ हिस्सों को जमीन पर उतारा जाएगा। डीजीपी ने बताया कि सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि वे चीजों को और अधिक जटिल बनाने के बजाय उन्हें बेहतर, व्यावहारिक और अधिक प्रभावी बनाएं। जिन पुलिसकर्मियों को इसे जमीन पर लागू कराना है, उन पर कोई अतिरिक्त बोझ न आए।
उन्होंने कहा कि इन कार्य योजनाओं को डीजीपी मुख्यालय की देखरेख में विभिन्न चरणों में लागू किया जाएगा। यह पहली बार है, जब पुलिस सुधारों में कॉन्स्टेबल से लेकर एडीजी रैंक के अधिकारियों की भागीदारी शामिल है। डीजीपी ने अधिकारियों को कार्ययोजना बनाते समय नौ प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं, जिनमें स्पष्ट और समयबद्ध उद्देश्य, एआई और प्रौद्योगिकी का उपयोग, सभी संबंधित हितधारकों के साथ चर्चा करके सामुदायिक सहभागिता के साथ व्यावहारिक और सरल कार्यान्वयन और महिलाओं, व्यापारियों, छात्रों आदि जैसे लक्षित समूहों के साथ राय प्राप्त करना शामिल है।