
लखनऊ। राजधानी में एक अगस्त से सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी है। नई प्रस्तावित दरों की लिस्ट जारी कर दी गई है। निबंधन विभाग के आकलन के मुताबिक, बढ़ी दरें लागू हुईं तो जिले में प्रॉपर्टी खरीदने वाले करीब 60% लोगों को 30 लाख से अधिक स्टांप ड्यूटी जमा करनी होगी। 30 लाख या इससे अधिक स्टांप ड्यूटी जमा होते ही रजिस्ट्री कार्यालयों से इनकम टैक्स विभाग को लेखपत्र भेजा जाता है। इनकम टैक्स विभाग इसी आधार पर खरीदार और विक्रेता को नोटिस भेजकर टैक्स वसूलता है। ऐसे में नई दरें लागू होने पर इनकम टैक्स वसूली में भी बंपर इजाफा हो सकता है।
प्रस्तावित लिस्ट के मुताबिक, सर्किल रेट में न्यूनतम 15% और अधिकतम 50% तक इजाफा होगा। ऐसे में संपत्तियों की रजिस्ट्री करवाने वाले को पहले के मुकाबले ज्यादा स्टांप ड्यूटी जमा करनी होगी। निबंधन विभाग एक अधिकारी के मुताबिक, अभी तक 30 लाख से कम स्टांप ड्यूटी जमा करने वालों को उस संपत्ति पर इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता, लेकिन नए रेट लागू होने के बाद जिले में प्रॉपर्टी खरीदने वाले करीब 60% लोगों को 30 लाख से अधिक स्टांप ड्यूटी जमा करनी होगी।
किसी इलाके के सर्किल रेट में इजाफे का सीधा मतलब है कि सरकार ने वहां प्रॉपर्टी की न्यूनतम कीमत बढ़ा दी है। सर्किल रेट बढ़ने से स्टांप ड्यूटी बढ़ेगी तो प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ जाएगी। अंसल और एमार टाउनशिप में अभी सर्किल रेट 18 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर था। इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर करने की तैयारी है। इसी तरह कई बड़ी कॉलोनियों में भी रेट बढ़ाने का प्रस्ताव है। ऐसी कॉलोनियों में प्रॉपर्टी खरीदने वालों को ज्यादा स्टांप ड्यूटी चुकाने के साथ इनकम टैक्स भी देना होगा।
राजधानी के ऐसे इलाकों में पहले ही काफी बसावट हो चुकी है। ऐसे इलाकों में प्रॉपर्टी की बिक्री औसतन कम होती है। निबंधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, आलमबाग, सिंगारनगर, चौक, सआदतगंज, ठाकुरगंज, राजाजीपुरम, वजीरगंज, मौलवीगंज, गोलागंज, डालीगंज, निशातगंज समेत पुराने शहर के कई इलाकों में सर्किल रेट में सिर्फ 15% से 20% बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।
टैक्स बार असोसिएशन लखनऊ के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह चौहान का कहना है कि नया सर्किल रेट लागू होने के बाद क्रेता से ज्यादा विक्रेता पर इनकम टैक्स विभाग की नजर रहेगी। क्रेता को यह साबित करना होता है कि वह प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रकम कहां से लाया? अगर वह साबित नहीं कर पाता है तो उस पर स्टांप ड्यूटी का 20% टैक्स और 5 से 15% तक पेनाल्टी लग सकती है। इसके साथ विक्रेता की आमदनी पर भी इनकम टैक्स लगेगा।
सर्किल रेट को कलेक्टर रेट या गाइडेंस वैल्यू भी कहते हैं। लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के स्टाम्प और रजिस्ट्री डिपार्टमेंट या इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन (आईजीआर) की ओर से यह रेट तय किया जाता है। किसी खास इलाके में प्रॉपर्टी की कीमत के लिए सर्किल रेट तय किया जाता है। यह रेट प्रॉपर्टी की न्यूनतम वैल्यू बताता है। इसका इस्तेमाल प्रॉपर्टी की बिक्री, ट्रांसफर और खरीद पर स्टांप ड्यूटी की गणना में होता है। इससे प्रॉपर्टी रजिस्ट्री और स्टांप ड्यूटी के सही तरीके से भुगतान में भी आसानी होती है।