नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सरकार जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए गंभीर है और इसके लिए राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की गई है। श्री यादव ने सदन में प्रश्न काल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से दुनिया के सभी देश अपने-अपने तरीकों से निपटने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने दुबई में कॉप 28 सम्मेलन की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत करने का लक्ष्य नौ साल पहले हासिल कर लिया है। इसी तरह से हरित क्षेत्र का लक्ष्य भी हासिल हो गया है। उन्होंने कहा कि मानवीय गतिविधियां बढ़ाने के कारण धरती के तापमान में लगातार वृद्धि की आशंका है। इसलिए इस दिशा में लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। सरकार के प्रयासों से परती, बंजर और बेकार भूमि पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों की भी मदद ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण में स्थानीय स्तर की वृक्ष प्रजातियां को प्राथमिकता दी जाती है। इसके लिए अलग से नर्सरी भी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार वन कृषि की और बढ़ रही है तथा इसके लिए विशेष सहायता दी गई है। श्री यादव ने अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में एकल प्रयोग प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। हालांकि कई स्थानों पर अवैध तरीके से इसका प्रयोग हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बनाने में इस्तेमाल होने वाली कच्ची सामग्री निर्मित करने वाली कंपनियों को कहा गया है कि वह अपनी आपूर्ति के बारे में पूरी जानकारी देगीं। उन्होंने कहा कि एकल प्रयोग प्लास्टिक का प्रयोग रोकने के लिए समाज, सरकार और गैर सरकारी संगठनों को एक साथ आना होगा।