प्रकाश राज ने राजनीतिक मुद्दों पर बॉलीवुड की चुप्‍पी को कोसा

लखनऊ। दिग्‍गज एक्‍टर प्रकाश राज अपनी बेबाकी के लिए मशहूर हैं। वह सत्ता के नीतियों के ख‍िलाफ बोलने से परहेज नहीं करते हैं। प्रकाश उन चुनिंदा कलाकारों में से हैं, जो अपने राजनीतिक व‍िचारों को लेकर हमेशा से मुखर रहे हैं। फिर चाहे इसके लिए उन्‍हें कितनी भी ट्रोलिंग का सामना क्‍यों ना करना पड़े। अब एक्‍टर ने हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री के अपने साथ‍ियों को जमकर कोसने का काम किया है। बॉलीवुड में ‘वांटेड’ और ‘सिंघम’ जैसी फिल्‍मों से मशहूर हुए प्रकाश राज ने दो टूक शब्‍दों में हिंदी फिल्‍म उद्योग के स‍ितारों को लताड़ लगाई है, जो राजनीतिक मुद्दों पर चुप्‍पी साध लेते हैं। प्रकाश राज ने कहा कि इनमें से आधे तो बिके हुए हैं और आधे वो हैं, जो डरे हुए हैं।

प्रकाश राज ने यह भी कहा कि इतिहास उन लोगों को भूल जाता है, जो चुप्‍पी साधे रहते हैं। याद सिर्फ उन्‍हीं को रखा जाता है तो अन्‍याय के ख‍िलाफ आवाज उठाते हैं, गलत के ख‍िलाफ बोलने से नहीं कतराते हैं। ‘द लल्लनटॉप’ से बात करते हुए प्रकाश राज ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार भले ही खुद से असहमति जताने वालों को दबाने के लिए पूरी ताकत लगा दे, लेकिन फिल्ममेकर्स को हमेशा ऐसा सिनेमा बनाने और उसकी रिलीज के लिए लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए, जो व‍िचारों की बात करती है।

प्रकाश राज ने कहा, ‘कोई भी शक्तिशाली सरकार चर्चा करने वालों को रोकेगी। यह कलाकारों के भीतर होना चाहिए। उनमें इस बात की चेतना होनी चाहिए कि वे किस तरह की फिल्में बनाते हैं। उन्‍हें फिल्म को रिलीज करने के लिए लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।’ बॉलीवुड के अपने साथियों के बारे में उन्होंने कहा, ‘मेरे अपने साथियों में से आधे बिक चुके हैं और आधे डरे हुए हैं, क्योंकि उनमें ताकत नहीं है।

मुख्‍य रूप से साउथ सिनेमा में काम करने वाले प्रकाश राज ने बताया, ‘मेरा एक बहुत करीबी दोस्त है, जिसने मुझसे कहा कि प्रकाश आप में दम है, आप बोल सकते हैं, मैं नहीं बोल सकता। मैंने उससे कहा कि मैं समझता हूं, लेकिन मैं उसे माफ नहीं कर सकता, क्योंकि भविष्य में जब इतिहास लिखा जाएगा, तो वह अपराध करने वालों को तो माफ कर देगा, लेकिन उन्‍हें नहीं करेगा, जो चुप रहे। हर कोई जिम्मेदार है।

हालांकि, प्रकाश राज ने यह भी माना कि राजनीतिक मुद्दों पर बेबाकी के कारण उनका काम प्रभावित हुआ है। उन्‍होंने स्‍वीकार किया कि इस वजह से उन्‍हें बॉलीवुड में कम काम मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘उन्हें बस इस बात की चिंता है कि अगर वो मेरे साथ किसी फिल्म में काम करेंगे, तो उन्हें वह सब नहीं मिलेगा जिसकी उन्हें उम्मीद है। यह माहौल ऐसा ही है। यह कहने से मुझे और ताकत मिलती है कि यह जो भी हो रहा है, सही नहीं है, इसलिए हमें लड़ना होगा, हमें अपनी आवाज उठानी होगी।

जब प्रकाश राज से पूछा गया कि क्या एक्‍टर्स अपनी बात बेबाकी से रखने के कारण वर्कफ्रंट पर मुश्‍क‍िलों का सामना करते हैं, उन्‍हें काम नहीं मिलता? इस पर उन्‍होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि आपको काम नहीं मिलेगा, आपको काम मिलता है और मिलेगा, लेकिन उतना नहीं।’ प्रकाश राज ने इसी दौरान ‘अबीर गुलाल’ पर बैन लगाने का भी विरोध किया। उन्‍होंने कहा कि सरकार को क‍िसी फिल्‍म पर बैन नहीं लगाना चाहिए। बल्‍क‍ि रिलीज होने देना चाहिए, यह फैसला जनता के हाथों में होना चाहिए कि वह पाक‍िस्‍तानी कलाकारों की फिल्‍म को देखना चाहती है या नहीं।

वर्कफ्रंट की बात करें तो प्रकाश राज की फिल्‍म ‘रेट्रो’ बीते गुरुवार, 1 मई को रिलीज हुई है। इसमें सूर्या लीड रोल में हैं। इसके अलावा उनके पास थलपति विजय की ‘जन नायकन’ और पवन कल्याण की ‘दे कॉल हिम ओजी’ भी हैं।

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