लखनऊ। प्रधानमंत्री आवास योजना के मौजूदा प्रावधानों के तहत लाभार्थियों को 2.50 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। अब नए प्रावधानों के तहत जिन वरिष्ठ नागरिकों के पास अपना घर नहीं है, उन्हें अतिरिक्त 30 हजार रुपये और निराश्रित महिलाओं को 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। यह कदम सरकार द्वारा जरूरतमंदों के लिए मकान निर्माण को आसान बनाने की दिशा में उठाया गया है।
इस योजना का लाभ उन्हीं लाभार्थियों को मिलेगा जिनके पास अपनी जमीन होगी। लाभार्थियों को सर्वेक्षण के दौरान भूमि से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास शहर में पहले से कोई पक्का मकान नहीं है। जिन लाभार्थियों के माता-पिता को किसी अन्य आवासीय योजना के तहत पहले से मकान मिला हुआ है, उन्हें प्राथमिकता सूची में बाद में शामिल किया जाएगा।
सभी पात्र लाभार्थी परिवारों के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य होगा। ऐसे परिवार, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 31 दिसंबर 2023 के बाद विशेष परिस्थितियों में लाभ दिया गया है, वे प्रधानमंत्री आवास योजना-2 के लिए पात्र नहीं होंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे।
राज्य सरकार का मानना है कि ढाई लाख रुपये की मौजूदा सहायता के अलावा अतिरिक्त आर्थिक मदद से जरूरतमंद बुजुर्गों और महिलाओं के लिए घर बनाना आसान होगा। विशेष रूप से, एकल महिलाएं, विधवा और परित्यक्त महिलाएं इस योजना के तहत सबसे अधिक लाभान्वित होंगी।
लाभार्थियों को योजना का लाभ लेने के लिए अपनी पात्रता साबित करनी होगी। सरकार इस बात का ध्यान रखेगी कि जो लोग सबसे अधिक जरूरतमंद हैं, उन्हें पहले योजना में शामिल किया जाए। इसके साथ ही, योजना के तहत पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा।