यूपी में पौधरोपण बनेगा जन अभियान

लखनऊ। जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाले वन महोत्सव के दौरान सरकार 35 करोड़ पौधरोपण के मेगा लक्ष्य को जमीन पर उतारने के लिए जुटेगी। इसे विभागीय औपचारिकताओं तक सीमित न रहकर जन अभियान बनाया जाए, सरकार का इस पर अधिक फोकस है। इसलिए सामाजिक संस्थाओं से लेकर शिक्षण संस्थानों तक की भागीदारी का खाका तैयार किया गया है। सीएम खुद सभी जनप्रतिनिधियों से इसको लेकर संवाद करेंगे।

वन विभाग ने पौधरोपण अभियान का खाका तैयार कर लिया है। विभागवार लक्ष्य भी निर्धारित कर लिए गए हैं। पौधरोपण के लक्ष्य के डेढ़ गुना पौधे तैयार किए गए हैं। विभागों व संस्थाओं को यह नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। हालांकि, इसके लिए कैबिनेट से औपचारिक अनुमति ली जाएगी। पौधरोपण अभियान में एक बड़ी भूमिका स्थानीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों की भी है। इनके प्रतिनिधियों का स्थानीय प्रभाव जनभागीदारी में अहम भूमिका निभाता है।

इसलिए, अगले महीने सीएम योगी खुद विधानसभा से लेकर निकायों तक के प्रतिनिधियों से पौधरोपण अभियान के स्वरूप, लक्ष्य एवं सहभागिता को लेकर संवाद करेंगे। इसके अलावा विभिन्न विभागों के मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ भी राज्य स्तरीय समन्वय बैठक आयोजित की जाएगी, जिससे विभागवार तय लक्ष्यों को हासिल करने की बेहतर कार्ययोजना बना सकें।

ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण जागरूकता को कार्यशैली का स्थायी अंग बनाने के लिए हर ग्रामसभा स्तर पर ‘ग्रीन चौपाल’ का भी गठन किया जा रहा है। ग्राम प्रधान की अगुआई वाली इस कमिटी में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत सदस्य, स्वयं सहायता समूह, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी, प्रगतिशील किसान, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि का भी प्रतिनिधित्व होगा। ग्रीन चौपाल के जरिए पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी परंपरागत प्रथाओं के प्रचलन व संरक्षण पर भी जोर दिया जाएगा।

सरकार का दावा है कि पिछले 8 वर्ष में 204 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। वन विभाग की मॉनिटरिंग शाखा की माने तो पिछले चार वर्षों में हुए पौधरोपण में लगाए गए पौधों की जीवितता प्रतिशत भी काफी बेहतर रहा है। विभाग के अनुसार 2021-22 में लगाए गए 77%, 2022-23 में लगाए गए 84%, 2023-24 में लगाए गए 90% और पिछले साल लगाए गए 96% पौधे जीवित हैं।

फिलहाल 2020 से 2023 के बीच हुए पौधरोपण की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट (FRI) देहरादून से कराने पर भी सहमति बनी है। हालांकि, इस दौरान आई FRI की रिपोर्ट कहती है कि यूपी का ग्रीन कवर पिछले 8 सालों में 3.38 लाख एकड़ बढ़ा है। वन क्षेत्र के बाहर वृक्षावरण में 3.72% बढ़ोतरी हुई है, जो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है।

सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश शहरी हरित विकास की दिशा में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। राज्य के नगर निकायों में मियावाकी तकनीक के माध्यम से 24.7 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं, जिससे 926082 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र को हरित कवर मिला है। नगर विकास विभाग के नेतृत्व में संचालित यह अभूतपूर्व पहल 762 नगरीय निकायों—17 नगर निगम, 200 नगर पालिकाएं और 545 नगर पंचायतों में शहरी क्षेत्रों को हरियाली से संवारने का कार्य कर रही है।

इस अभियान में कानपुर नगर निगम ने सर्वाधिक 6,76,600 पौधों के साथ 2,13,997.77 वर्ग मीटर क्षेत्र को हरित किया है। इसके बाद गाजियाबाद नगर निगम ने 3,43,461 पौधे (1,54,832.73 वर्ग मीटर) और मुरादाबाद नगर निगम ने 2,85,000 पौधे (59,691.132 वर्ग मीटर) लगाए हैं। प्रयागराज नगर निगम ने 2,56,262 पौधे लगाकर सबसे बड़े क्षेत्रफल—71,427.016 वर्ग मीटर—को हरित किया है।

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