
आज फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। साथ ही आज उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 40 मिनट तक उपरांत हस्त नक्षत्र का आरंभ होगा। हस्त नक्षत्र का आरंभ कर्क राशि के 10° से होता है और यह सिंह राशि के 3° तक फैला हुआ है। हस्त नक्षत्र का शाब्दिक अर्थ है “हाथ”, और इसे आमतौर पर हाथ की तरह दिखने वाले एक प्रतीक से दर्शाया जाता है। यह नक्षत्र विशेष रूप से उस समय का होता है जब चंद्रमा कर्क राशि में 10° से लेकर सिंह राशि के 3° तक यात्रा करता है।
हस्त नक्षत्र के लोग आमतौर पर अपने कार्यों में कड़ी मेहनत करने वाले और सक्रिय होते हैं। वे अपनी भावनाओं और विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में सक्षम होते हैं। यह नक्षत्र हस्त कला, लेखन, और व्यावसायिक क्षेत्रों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है। इसका संबंध शिल्पकला और कार्यक्षमता से भी होता है। हस्त नक्षत्र में जन्मे लोग अक्सर अच्छे रिश्ते, सामाजिक स्थिति, और वित्तीय मामलों में समृद्धि प्राप्त करते हैं, लेकिन यह नक्षत्र जब अपनी दुर्बल स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना भी कर सकता है।
इस नक्षत्र का शासन चंद्रमा के हाथों में होता है, और इसका प्रतीक “हाथ” या “पिंजरे में बंधा हाथी” है, जो शक्ति, और कार्यक्षमता का प्रतीक है। हस्त नक्षत्र में जन्मे लोग आमतौर पर बहुत व्यवहारिक, सूझबूझ वाले और सहायक होते हैं। वे अपनी मानसिक क्षमताओं और कार्यकुशलता के लिए प्रसिद्ध होते हैं। इस नक्षत्र के अंतर्गत आने वाले लोग समाज में सम्मानित होते हैं और उनका स्वभाव भी शांत, विनम्र और सहनशील होता है। हस्त नक्षत्र का संबंध कला, शिल्प, लेखन, और संगीत से भी है। इस नक्षत्र के प्रभाव में जन्मे लोग रचनात्मक कार्यों में माहिर होते हैं और हाथ से किए गए कामों में रुचि रखते हैं। वे अच्छे कारीगर और शिल्पी हो सकते हैं, जो कला और निर्माण में अपनी विशेषज्ञता दिखाते हैं।
राष्ट्रीय मिति माघ 26, शक संवत 1946, फाल्गुन कृष्ण, तृतीया, शनिवार, विक्रम संवत 2081। सौर फाल्गुन मास प्रविष्टे 04, शब्बान 16, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 15 फरवरी सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, दक्षिण गोल, शिशिर ऋतुः। राहुकाल प्रातः 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। तृतीया तिथि रात्रि 11 बजकर 53 मिनट तक उपरांत चतुर्थी तिथि का आरंभ।
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 40 मिनट तक उपरांत हस्त नक्षत्र का आरंभ। सुकर्मा योग प्रातः 07 बजकर 33 मिनट तक उपरांत धृतिमान योग का आरंभ। वणिज करण पूर्वाह्न 10 बजकर 53 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन रात कन्या राशि पर संचार करेगा। सुबह में 6 बजकर 59 मिनट तक। शाम में 6 बजकर 11 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 8 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 27 मिनट से 3 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि रात में 12 बजकर 9 मिनट से रात में 1 बजकर 1 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 9 मिनट से 6 बजकर 35 मिनट तक।
सुबह में 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा। इसी के साथ सुबह में 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 8 बजकर 23 मिनट से 9 बजकर 47 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 6 बजकर 59 मिनट से 7 बजकर 44 मिनट तक। भद्राकाल का समय सुबह में 10 बजकर 48 मिनट से रात में 11 बजकर 52 मिनट तक।