नई दिल्ली। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में भारत की फिनटेक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने में क्षेत्र की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने लाखों लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं को सुलभ बनाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए उद्योग की प्रशंसा की। मोदी ने संबोधन के शुरूआत में कहा कि ये भारत में त्योहारों का मौसम है। अभी-अभी हमने जन्माष्टमी मनाई है और खुशी देखिए हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे बाज़ार में भी उत्सव का माहौल है। इस ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में उत्सव का मूड हो रहा है, और वो भी सपनों की नगरी मुंबई में।
मोदी ने कहा कि एक समय था, जब लोग हमारी सांस्कृतिक विविधता को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते थे। अब, लोग भारत आते हैं, और हमारी फिनटेक विविधता से भी आश्चर्यचकित होते हैं! हवाई अड्डे पर उतरने से लेकर स्ट्रीट फूड और खरीदारी का अनुभव लेने तक, भारत की फिनटेक क्रांति हर जगह दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में फिनटेक स्पेस में 31 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश हुआ है। 10 साल में हमारे फिनटेक स्टार्टअप में 500% वृद्धि हुई है। सस्ते मोबाइल फोन, सस्ते डेटा और जीरो बैलेंस जन धन बैंक खातों ने भारत में कमाल कर दिया है।
उन्होंने कहा कि एक दशक में ही भारत में ब्रॉडबैंड यूजर 6 करोड़ से बढ़कर करीब 94 करोड़ हो गए हैं। आज 18 वर्ष से ऊपर का शायद ही कोई भारतीय हो, जिसके पास उसकी डिजिटल पहचान यानी आधार कार्ड न हो। उन्होंने कहा कि आज 53 करोड़ से अधिक लोगों के पास जन धन बैंक खाते हो गए हैं। यानी 10 साल में हमने एक प्रकार से पूरी यूरोपियन यूनियन के बराबर आबादी को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जन धन, आधार और मोबाइल की इस ट्रिनिटी ने एक और ट्रांसफॉर्मेशन को गति दी है। कभी लोग कहते थे कि नकद ही राजा है, आज दुनिया का करीब-करीब आधा वास्तविक समय डिजिटल लेनदेन भारत में होता है। पूरी दुनिया में भारत का UPI फिनटेक का बहुत बड़ा उदाहरण बन गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इतने बड़े संकट के दौरान भी भारत दुनिया के उन देशों में था, जहां हमारी बैंकिंग सेवाएं बिना किसी दिक्कत के चलती रही। उन्होंने कहा कि मेरी नियामकों से कुछ अपेक्षाएं हैं..हमें साइबर धोखाधड़ी रोकने तथा डिजिटल समझ बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जब ज्ञान की देवी सरस्वती माँ ज्ञान प्रदान कर रही थीं, तो कुछ स्वयंभू विशेषज्ञ पहले से ही संदेह व्यक्त कर रहे थे! वे सवाल करेंगे कि फिनटेक क्रांति कैसे हो सकती है…वे मेरे जैसे किसी चायवाले से भी पूछ रहे होंगे! फिर भी, केवल एक दशक में, भारत ने एक उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है। गौरतलब है कि ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर करीब 94 करोड़ हो गई है। आज, 18 वर्ष से ऊपर के लगभग हर भारतीय के पास आधार कार्ड के रूप में एक डिजिटल पहचान है। इसके अलावा, 53 करोड़ से अधिक लोगों ने जन धन बैंक खाते खोले हैं, जिससे पूरे यूरोपीय संघ के बराबर आबादी प्रभावी रूप से बैंकिंग प्रणाली में एकीकृत हो गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 27 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए गए, यह दुनिया की सबसे बड़ी लघु वित्त योजना है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि फिनटेक क्षेत्र ने वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाने, ऋण तक पहुंच को आसान तथा समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी ने गांवों तथा शहरों के बीच की खाई को पाटने में मदद की है। उन्होंने कहा कि सरकार फिनटेक क्षेत्र की मदद के लिए नीतिगत स्तर पर सभी कदम उठा रही है और ‘एंजल टैक्स’ को भी समाप्त कर दिया गया है।