पाकिस्तान CPEC प्रोजेक्ट हुआ खाक

पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर में हमला हो गया। वही ग्वादर बंदरगाह जो पाकिस्तान के लिए उसकी रीढ़ की हड्डी की तरह है। बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह पर भीषण आतंकी हमला हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट की माने तो बंदूकों और हथियारों से लैस हमलावरों अचानक से पाकिस्तान पोर्ट ऑथरिटी परिसर में घुस गए और फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। रिपोर्ट की माने तो हमलावर सिर्फ इमारत में घुस गए। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार इस हमले के दौरान आठ सशस्त्र हमालवरों को मार गिराया गया। परिसर में जोरदार धमाका और फायरिंग की आवाजों से आसपास का इलाका भी दहल उठा। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की मजीद बिग्रेड ने ली है। 

मजीद ब्रिगेड बलूच लिबरेशन आर्मी के एक स्पेशल विंग है। इस विंग को खास तौर पर आत्मघाती हमलों के लिए भी तैयार किया गया है। इसमें शामिल होने वालों को कठिन ट्रेनिंग लेनी पड़ती है। मजीद ब्रिगेड का उद्देश्य खुद को समाप्त कर दुश्मन को खास संदेश देना है। इसमें आम तौर पर युवाओं की भर्ती होती है। इसकी स्थापना साल 2011 में हुई थी। इसका नाम बलूचिस्तान के दो सगे भाइयों लांगो और मजीद के नाम पर रखा गया।  इसका नाम पूर्व प्रधान मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के एक गार्ड के नाम पर रखा गया था जो पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के संस्थापक की हत्या के प्रयास में मारा गया था। न्हें सम्मान देने के लिए ब्रिगेड का नाम मजीद ब्रिगेड रखा गया। 

2011 क्रिकेट अटैक में 10 से ज्यादा लोग मारे गए थे। बलूचियों का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना विरोधियों के खिलाफ बड़ी निर्दयता से पेश आती है। उनका दमन किया जा रहा है। पाकिस्तानी सेना का काफी क्रूर चेहरा देखने को मिलता है। मीडिया रिपोर्ट में बलूची लोगों के दावे के आधार पर कहा गया है कि उनके लड़कों को पकड़ा जाता है, पुलिस कस्टडी में टॉर्चर किया जाता है, लॉकअप में मारा जाता है। कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें बलूची लोगों का कहना है कि उन्हें हेलीकॉप्टर में बैठाकर नीचे फेंक दिया जाता है। ताकी ये एक एक्सीडेंट लगे और पोस्टमार्टम में चोट का पता न चले।  

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