
लखनऊ। गाजियाबाद में जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की आत्महत्या के मामले ने लखनऊ तक हड़कंप मचा दिया है। जीएसटी विभाग के अफसरों और कर्मचारियों में इस घटना को लेकर इतना ज्यादा आक्रोश है कि इससे विभागीय काम प्रभावित हो गया है। प्रमुख सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए 750 जीएसटी अफसरों ने स्टेट टैक्स के वॉट्सऐप ग्रुप को छोड़ दिया है। इस ग्रुप में 900 अधिकारी जुड़े थे। इसी ग्रुप में इन अफसरों को प्रमुख सचिव की तरफ से दिशा-निर्देश प्राप्त होते हैं।गाजियाबाद में 59 साल के डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह ने अपनी सोसाइटी के 15वें फ्लोर से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी पत्नी और बड़े भाई ने जीएसटी विभाग में प्रताड़ना को इसका कारण बताया है। संजय सिंह कैंसर के शिकार थे पर 10 साल पहले उन्होंने इस बीमारी से जंग जीत ली थी।
जीएसटी अफसरों की डिजिटल बगावत योगी सरकार पर भारी पड़ सकती है। दरअसल मार्च महीना खत्म हो रहा है। वित्तीय वर्ष समाप्ति पर सबसे ज्यादा जीएसटी से ही रेवेन्यू कलेक्शन होता है। अफसरों, कर्मचारियों की बगावत का सीधा असर इस काम पर पड़ेगा। जीएसटी ऑफिसर्स सर्विस असोसिएशन के अधिकारियों ने एक दिन पहले आपातकालीन बैठक बुलाई थी। इसमें तय किया गया कि होली के बाद विरोध को और तेज किया जाएगा।
सोमवार को जीएसटी ऑफिस खुलने के अगले दिन पूरे प्रदेश के अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला लिया है। एमनेस्टी स्कीम के तहत अब पहले दिए गए आदेश का पालन नहीं किया जाएगा। बताया जा रहा है कि केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी इस मामले को लेकर बहुत जल्द ही चीफ सेक्रेटरी के साथ बातचीत करेंगे। इसके अलावा जीएसटी विभाग के अफसर और कर्मचारी इस घटना के विरोध में काला फीता बांधकर काम करे हैं।
डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह के बड़े भाई धनंजय सिंह और पत्नी ने जीएसटी विभाग की मौजूदा व्यवस्था को मौत का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि संजय सिंह 10 साल पहले कैंसर से जंग जीत चुके थे। वे प्रशासनिक दबाव से परेशान थे। सेक्टर 75 एपेक्स सोसायटी में रहने वाले डिप्टी कमिश्नर की मृत्यु 15वें फ्लोर से गिरने की वजह से हुई थी।
धनंजय सिंह का कहना है कि एक साल बाद संजय की रिटायरमेंट थी। उनको विभाग में उच्च स्तर पर जो काम का अतिरिक्त भार सौंपा जा रहा था, उस वजह से वह डिप्रेशन में थे। विभाग में प्रताड़ना का स्तर इतना बढ़ा दिया गया है कि कोई भी स्वतंत्र विवेक से काम कर नहीं पा रहा है। रोज काम में इतना हस्तक्षेप किया जा रहा है कि यहां कर्मचारी परेशान हैं। सिर्फ संजय ही नहीं जीएसटी विभाग के अन्य कर्मचारी भी प्रताड़ना से जूझ रहे हैं।