इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में खजुराहो, मध्य प्रदेश में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना और अन्य प्रमुख विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। अपने संबोधन की शुरुआत में, मोदी ने क्रिसमस के अवसर पर ईसाई समुदाय को ढेर सारी बधाई दी और कहा कि “आज पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम है, और मैं देश और दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की ढेर सारी बधाई देता हूं।” मोदी ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के एक साल का जश्न मनाया और मोहन यादव जी के नेतृत्व में सरकार के कामकाज की सराहना की।
उन्होंने कहा कि “मध्य प्रदेश के लोगों को और भाजपा के कार्यकर्ताओं को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस एक साल में मध्य प्रदेश में विकास को नई गति मिली है।” प्रधानमंत्री ने इस दौरान खजुराहो में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसमें सबसे प्रमुख केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना थी। यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के हिस्सों में पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करने और जल संकट को दूर करने में मदद करेगी। इसके अलावा, मोदी ने कई और विकास कार्यों की भी शुरुआत की, जो प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देंगे।
केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना उत्तर भारत में जल संकट की समस्या को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह परियोजना केन नदी और बेतवा नदी को जोड़ने का कार्य करेगी, जिससे इन दोनों नदियों का जल एक दूसरे में प्रवाहित होगा और इससे मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की स्थिति में सुधार होगा। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक साल में मध्य प्रदेश में विकास को नई दिशा और गति मिली है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस दौरान हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत हुई है, जो राज्य के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी का खजुराहो दौरा और उनका संबोधन मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के विकासात्मक कार्यों और जल संकट समाधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, मोदी ने क्रिसमस के अवसर पर धार्मिक समरसता और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति अपनी शुभकामनाएँ भी दीं, जो उनके विविधता में एकता के दृष्टिकोण को उजागर करती है।यह संबोधन भाजपा के लिए आगामी चुनावों के लिए भी एक राजनीतिक संदेश हो सकता है, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश में विकास की गति को बनाए रखने और पार्टी की छवि को मजबूत करने की बात की।
मोदी ने कहा कि आज ऐतिहासिक केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास भी हुआ है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट का भी लोकार्पण हुआ है और ये मध्य प्रदेश का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट है। मैं इन परियोजनाओं के लिए मध्य प्रदेश को ढेर सारी बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आज श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती है। आज भारत रत्न अटल जी के जन्म के सौ साल हो रहे हैं। अटल जी की जयंती का ये पर्व, सुशासन की हमारी प्रेरणा का भी पर्व है।
विपक्ष पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि अतीत में कांग्रेस सरकारें, घोषणाएं करने में माहिर हुआ करती थीं। घोषणाएं करना, फीता काटना, दीया जलाना, अखबार में तस्वीर छपवा देना… उनका (कांग्रेस) काम वहीं पूरा हो जाता था और उसका फायदा लोगों को नहीं मिल पाता था। मोदी ने साफ तौर पर कहा कि सुशासन का मलतब भी यही है कि अपने ही हक के लिए नागरिकों को सरकार के सामने हाथ न फैलाना पड़े, सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। यही तो शत प्रतिशत लाभार्थी को शत प्रतिशत लाभ से जोड़ने की हमारी नीति है।
पीएम ने कहा कि जहां सुशासन होता है, वहां न केवल मौजूदा चुनौतियों, बल्कि वैश्विक चुनौतियों से भी निपटने के प्रयास किये जाते हैं। हालाँकि, दुर्भाग्य से, हमारे देश में लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का शासन रहा। उन्होंन तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में सत्ता की हकदारी की भावना है, वह ‘राज’ को अपना ‘जन्मसिद्ध अधिकार’ मानती है, लेकिन जब शासन की बात आती है, तो उसका ट्रैक रिकॉर्ड शर्मनाक है। वास्तव में, कांग्रेस शासन और सुशासन परस्पर अनन्य हैं!
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जब कांग्रेस का शासन पंचायत से लेकर संसद तक था, तब पानी के विवादों को सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उनका आरोप था कि कांग्रेस की नीयत खराब थी और इसलिए उसने जल संकट के स्थायी समाधान के लिए कभी भी कोई गंभीर प्रयास नहीं किए। मोदी ने कहा, “आज भी, सात दशक बाद, देश के अनेक राज्यों के बीच पानी को लेकर विवाद जारी हैं, लेकिन जब कांग्रेस का शासन था, तब ये विवाद आसानी से सुलझाए जा सकते थे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जल संकट के स्थायी समाधान के लिए कोई ठोस रणनीति और योजनाएं नहीं बनाई गईं। उनके अनुसार, कांग्रेस ने अपनी नीयत में ईमानदारी और दूरदर्शिता नहीं दिखाई, जिसके कारण जल विवादों का समाधान समय पर नहीं हो सका। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान न केवल कांग्रेस की नीतियों की आलोचना करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वर्तमान केंद्र सरकार जल संकट को सुलझाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
वे केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना जैसी योजनाओं के माध्यम से जल विवादों को सुलझाने और पानी की आपूर्ति को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो उनके विकासात्मक एजेंडे का हिस्सा है। यह बयान राजनीतिक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आगामी चुनावों के मद्देनजर भाजपा की विकासात्मक नीति और कांग्रेस की आलोचना को प्रमुखता देता है, जो एक राजनीतिक रणनीति हो सकती है।