
नई दिल्ली । सरकार पिछले 15 महीने में लागत से कम कीमत पर एलपीजी बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) को 30,000-35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे सकती है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय वास्तविक घाटे या हानि तथा उसकी भरपाई के लिए सिस्टम पर काम कर रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में उद्योग को एलपीजी की बिक्री से करीब 40,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025-26 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) के केंद्रीय बजट में सरकार ने घाटे की भरपाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है।
हालांकि, सरकार ने अप्रैल में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 32,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया। वित्त मंत्रालय इस अतिरिक्त राजस्व का उपयोग इस्तेमाल लागत से कम कीमत पर की गई बिक्री से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कर सकता है। अधिकारी ने कहा, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) सरकार का हिस्सा हैं। नुकसान की भरपाई की जाएगी। हम मूल्यांकन कर रहे हैं कि कितना नुकसान हुआ। उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करने के तौर-तरीकों पर भी विचार किया जा रहा है।
घरेलू रसोई गैस की कीमतों को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है ताकि आम जनता को ऊंची बाजार दरों से बचाया जा सके। नियंत्रित कीमतें सऊदी अरब के घरेलू रसोई गैस (सीपी) से कम हैं, जो घरेलू रसोई गैस की कीमत तय करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय मानक है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि घरेलू रसोई गैस का उत्पादन स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और ईंधन का आयात करना पड़ता है। इससे ईंधन खुदरा विक्रेताओं को लागत से कम कीमत पर बिक्री करनी पड़ती है और परिणामस्वरूप उन्हें नुकसान होता है।