बेसिक शिक्षा विभाग : जिले में सेवा अवधि की बाध्यता समाप्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को नए साल का तोहफा देते हुए अंतर्जनपदीय परस्पर तबादलों का आदेश जारी कर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने सोमवार को दिशा-निर्देशों के साथ इस प्रक्रिया को लागू किया। इसके तहत परस्पर तबादले के लिए अब जिले में सेवा अवधि की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है, जिससे हजारों शिक्षकों को राहत मिलेगी।

बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव यतींद्र कुमार द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार, अब शिक्षिकाओं और शिक्षकों के लिए क्रमशः दो और पांच वर्षों की सेवा अवधि की बाध्यता हटा दी गई है। इस बदलाव से अब कोई भी शिक्षक परस्पर तबादले के लिए आवेदन कर सकेगा। परस्पर तबादला स्कूल से स्कूल, ग्रामीण सेवा से ग्रामीण सेवा और नगर सेवा से नगर सेवा संवर्ग में ही किया जाएगा।

तबादले के बाद शिक्षकों को अनिवार्य रूप से कार्यमुक्त किया जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया गर्मी की छुट्टियों में पूरी होगी। एक बार तबादला होने के बाद शिक्षक अपने आवेदन वापस नहीं ले सकेंगे। तबादला केवल पदोन्नति की स्थिति में ही मान्य होगा, जो मौलिक नियुक्ति तिथि से संबंधित होगा।

शिक्षकों के तबादले पांच श्रेणियों में होंगे

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के तबादले अब पांच प्रमुख श्रेणियों में किए जाएंगे। यह कदम शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने और शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर करने के उद्देश्य से उठाया गया है। शिक्षकों के तबादले निम्नलिखित श्रेणियों में होंगे: इस श्रेणी में एक ही स्तर पर सहायक अध्यापकों के बीच तबादले किए जाएंगे, यानी प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक को उसी स्तर पर स्थानांतरित किया जाएगा।

इसी तरह, प्रधानाध्यापक भी प्राथमिक विद्यालय स्तर पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर तबादला होंगे। उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापकों के तबादले केवल उसी विषय के अंतर्गत किए जाएंगे। कुछ प्रधानाध्यापक को प्राथमिक विद्यालय से उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में स्थानांतरित किया जाएगा। उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के तबादले भी इसी स्तर पर होंगे, यानी वे उच्च प्राथमिक विद्यालय में ही कार्यरत रहेंगे।

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