भारत में बढ़ेगा गैर जीवन बीमा का प्रीमियम

नई दिल्‍ली। भारत में बीमा लेने का खर्च तेजी से बढ़ रहा है। स्विट्जरलैंड की ‘स्विस री इंस्टीट्यूट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य, कार और घर जैसे गैर-जीवन बीमा (Non-Life Insurance) के प्रीमियम दुनिया के मुकाबले भारत में दोगुनी रफ्तार से बढ़ेंगे। हैरानी की बात यह है कि सरकार भी मानती है कि कंपनियां मनमाने ढंग से प्रीमियम बढ़ा रही हैं।

सरकार ने माना है कि स्वास्थ्य बीमा कंपनियां बेवजह प्रीमियम बढ़ा रही हैं। उसने बीमा नियामक IRDAI को निर्देश दिया है कि वह: शहरों के हिसाब से प्रीमियम तय न करन, बिना क्लेम वाले ग्राहकों का प्रीमियम भी 20-30% बढ़ाना, जैसी शिकायतों की जांच करे। IRDAI ने सरकार को सुझाव दिया है कि कारों का थर्ड पार्टी बीमा (दुर्घटना में तीसरे व्यक्ति का नुकसान भरने वाला) प्रीमियम 18% से 25% तक बढ़ाया जाए। कंपनियों का कहना है कि पिछले सालों में क्लेम बढ़ने से उन्हें नुकसान हो रहा है।

रिपोर्ट में भारत समेत 10 देशों में गैर जीवन बीमा प्रीमियम को लेकर तीन हिस्सों में अध्ययन किया गया। पहला वर्ष 2019-2023 के बीच बीमा प्रीमियम में की गई बढ़ोतरी। उसके बाद दूसरे नंबर पर वर्ष 2024 में बीमा प्रीमियम का आकलन किया। तीसरा वर्ष 2025 और 2026 में बीमा प्रीमियम में होने वाले बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया।

रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2019-23 के बीच वैश्विक स्तर पर प्रीमियम में 3.7 की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ोतरी हुई, जबकि भारत में यह दर चार प्रतिशत रही। वहीं, 2024 में वैश्विक स्तर पर प्रीमियम में 4.3 और भारत में करीब 6.8 की दर से बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह सिलसिला यहीं पर थमता दिखाई नहीं दे रहा। रिपोर्ट में वर्ष 2025 में 8.0 और 2026 में 9.3 की दर से बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी होने की अनुमान लगाया गया है, जो वैश्विक स्तर पर औसत वृद्धि 4.1 प्रतिशत के अनुमान से दोगुना से अधिक है। इसका मतलब है कि लोगों को भारत में बीमा लाभ उठाने के लिए ज्यादा रकम अदा करनी होगी।

रिपोर्ट कहती है कि एशिया उभरता हुआ बाजार है, जिसमें भारत की भूमिका सबसे अहम है। इसलिए वर्ष 2025-26 में एशिया के अंदर औसत बीमा प्रीमियम 7.4 प्रतिशत से बढ़ेगा। यानी भारत में औसत प्रीमियम बढ़ोतरी एशिया की तुलना में ज्यादा रहने का अनुमान है, जबकि चीन में यह बढ़ोतरी 4.1 प्रतिशत की दर से होने का अनुमान है।

रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया में बीमा बाजार तेजी से बढ़ रहा है और भारत इसका अहम हिस्सा है। लेकिन यहां क्लेम और कंपनियों के खर्चे ज्यादा होने के चलते प्रीमियम में उछाल आ रहा है। नतीजा: आम आदमी को सुरक्षा के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।

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