नोएडा : जीएसटी ऑफिस में रिश्वत का खेल

नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में मेरठ विजिलेंस टीम ने जीएसटी प्रशासनिक अधिकारी सत्येंद्र बहादुर सिंह को 45,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए सेक्टर-148 स्थित जीएसटी कार्यालय से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के थाना नॉलेज पार्क में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है।

विजिलेंस टीम से मिली जानकारी के मुताबिक, रामाटेक नामक एक फर्म है। जो कंप्यूटर रिपेयरिंग का काम करती है और नोएडा के सलारपुर गांव में स्थित है। साल 2016 में पंजीकृत रामाटेक फर्म के मालिक ने एक शिकायत दी थी। फर्म व्यापारी ने शिकायत में बताया कि उसकी फर्म का वैट एवं जीएसटी समय से संबंधित विभाग में जमा किया जाता रहा है। शिकायत के मुताबिक, इसी साल 29 अप्रैल को दोपहर करीब 12.28 बजे उनके मोबाइल पर एक फोन आया था।

फोन करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम भूदेव बताया और कहा कि रामाटेक फर्म ने साल 2016-17 और 2017-18 का एसेसमेंट नहीं कराया है। इसके अलावा दोनों वर्षों के लिए कुल 4 लाख 55 हजार 840 की राशि बकाया है और उसको जल्द से जल्द जमा करने के लिए कहा गया। इसके लिए उन्होंने सेक्टर-148 स्थित राज्यकर कार्यालय में आकर मिलने को कहा। जब शिकायतकर्ता कार्यालय पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि यदि बकाया राशि जमा नहीं की गई तो कोर्ट व कानूनी कार्रवाई की जाएगी। और प्रशासनिक अधिकारी सतेंद्र बहादुर सिंह से मिलवाने की बात कही गई।

13 मई को रामाटेक फर्म के शिकायतकर्ता राज्यकर कार्यालय पहुंचकर सतेंद्र बहादुर सिंह से मिले। उन्होंने रुपये जमा करने की बात कही नही तो 50 हजार की रिश्वत देकर मामला बिना किसी कार्रवाई के समाप्त कर देने की बात कही। जब शिकायतकर्ता ने अपनी आर्थिक असमर्थता जताई तो अधिकारी ने 45 हजार की राशि तय की। उससे कम में काम करने से साफ मना कर दिया। इस बीच रामाटेक फर्म के बैंक ऑफ बड़ौदा के अकाउंट को फ्रिज करवा दिया गया। जिससे उसके व्यापारिक लेन-देन पर असर पड़ा। इस उत्पीड़न से परेशान शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और मेरठ विजिलेंस टीम से संपर्क कर मामला दर्ज कराया। 19 मई को शिकायतकर्ता ने जब 45,000 की रकम देने के लिए पहुंचा तो वैसे ही विजिलेंस टीम ने उसे रंगे हाथों रिश्वत लेते दबोच लिया। उनके खिलाफ थाना नॉलेज पार्क में मामला दर्ज कराया गया।

जीएसटी अधिकारी संदीप भागिया ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जानकारी मिली है और विभाग ने इसकी आंतरिक जांच शुरू कर दी है. उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया. वहीं मेरठ विजिलेंस टीम ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है। सरकारी कार्यों में किसी भी प्रकार की घूस की मांग करना अपराध है।

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