सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार बीआरएस नेता के. कविता को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने शीर्ष अदालत में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने कहा कि किसी राजनीतिक व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति के लिए वैधानिक प्रक्रिया को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जो सीधे शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर सकता है। शीर्ष अदालत ने कविता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि वह जमानत के लिए निचली अदालत से संपर्क करें। पीठ में न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और बेला एम. त्रिवेदी भी शामिल थे।

विशेष पीठ ने कविता की एक याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया और उनकी याचिका को अन्य लंबित याचिकाओं के साथ टैग करने का निर्देश दिया। याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों को चुनौती दी गई है।शीर्ष अदालत ने मंगलवार को ईडी के समन के खिलाफ बीआरएस नेता द्वारा दायर याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी क्योंकि 15 मार्च को केंद्रीय एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद यह याचिका निरर्थक हो गई थी।

कविता को अंतरिम राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में ईडी से कहा था कि वह आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की अब रद्द हो चुकी शराब नीति के खिलाफ चल रही जांच में सुनवाई की अगली तारीख तक उनकी उपस्थिति पर जोर न दे। बाद में यह अंतरिम संरक्षण 13 मार्च तक बढ़ा दिया गया था।
बीआरएस सुप्रीमो और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को 15 मार्च को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया और दिल्ली लाया गया। दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें ईडी की हिरासत में भेज दिया था।

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