
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मशहूर कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर बनाए गए कथित आपत्तिजनक कार्टून को लेकर दर्ज मामले में उन्होंने अग्रिम जमानत की मांग की थी। इससे पहले कार्टूनिस्ट को हाई कोर्ट से भी झटका लगा था।
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, “फ्रीडम ऑफ स्पीच का कुछ कार्टूनिस्ट और स्टैंड-अप कॉमेडियन दुरुपयोग कर रहे हैं।” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐसे बयानों और तस्वीरों को संरक्षण नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने फिलहाल कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की है।
मशहूर कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय पर आरोप है कि उन्होंने एक ऐसा कार्टून बनाया था जो प्रधानमंत्री और आरएसएस को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक था। यह कार्टून कोविड-19 महामारी के दौरान बनाया गया था, जब वैक्सीन को लेकर भ्रम और डर का माहौल था। मालवीय ने कोर्ट में कहा कि कार्टून महज़ एक कल्पनात्मक सामाजिक व्यंग्य था, जिसमें एक नेता को एक आम आदमी पर वैक्सीन लगाए जाने की स्थिति को दर्शाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि यह तस्वीर पिछले चार वर्षों से सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से मौजूद है।
इससे पहले 3 जुलाई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज दी थी। कहा था कि उन्होंने “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग” किया है और संवेदनशील विषय पर संतुलन नहीं रखा।