
नवनिर्मित उत्तराखंड राज्य अतिथिगृह अब आम लोगों के लिए भी उपलब्ध होगा। यह निर्णय राज्य सरकार ने आम नागरिकों के लिए यह सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से लिया है। इससे न केवल सरकारी अधिकारियों और व्यक्तियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी एक सुविधाजनक और सस्ता विकल्प मिलेगा।
देहरादून। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उत्तराखंड निवास में कक्ष आरक्षण से संबंधित जारी शासनादेश को तत्काल संशोधित करें। यह निर्णय सोशल मीडिया पर आई उन खबरों के बाद लिया गया है, जिनमें कहा गया था कि 120 करोड़ रुपये की लागत से बने इस उत्तराखंड निवास में केवल अतिविशिष्ट और विशिष्ट व्यक्ति ही ठहर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासनादेश में संशोधन किया जाए, ताकि आम जनता भी इस अतिथिगृह का उपयोग कर सके। पहले यह व्यवस्था थी कि केवल उच्च अधिकारियों और विशिष्ट व्यक्तियों को ही इसमें ठहरने की अनुमति होगी। उत्तराखंड निवास का निर्माण 120 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है, और इसका उद्देश्य राज्य के अतिथियों और अधिकारियों को सुविधाएं प्रदान करना था। लेकिन अब इस सुविधा को आम लोगों के लिए भी खोलने का निर्णय लिया गया है।
सोशल मीडिया पर यह खबरें फैल गई थीं कि इस आलीशान निवास में केवल विशेष व्यक्तियों को ही ठहरने की अनुमति होगी, जिस पर सरकार ने अब अपनी स्थिति स्पष्ट की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अतिथिगृह का उद्देश्य राज्य के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देना है, और इसे सिर्फ उच्च अधिकारियों के लिए सीमित नहीं रखा जाएगा। अब इसे आम लोगों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वे भी यहां ठहर सकें। इस निर्णय से उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, साथ ही राज्य में आने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेंगी।