
नई दिल्ली। यूपीआई से जुड़े एक जरूरी ट्रांजैक्शन में जल्द ही बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसके तहत यूपीआई वॉलेट में पहले से मंजूर कर्ज की रकम (क्रेडिट लाइन) का इस्तेमाल अब सिर्फ उसी काम के लिए होगा, जिसके लिए बैंक ने वह कर्ज मंजूर किया था। दूसरे काम में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। नया नियम 31 अगस्त 2025 से लागू होगा।
राष्ट्रीय भुगतान निगम ने हाल ही में इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अब ग्राहक यूपीआई पर जिस उद्देश्य से बैंक से यह क्रेडिट लाइन स्वीकृत कराएंगे, उसी उद्देश्य के लिए उसका उपयोग किया जा सकेगा। इसका मतलब यह है कि अगर किसी को किसी खास जरूरत के लिए बैंक ने यह सुविधा दी है, तो उसका इस्तेमाल उसी जरूरत के लिए करना होगा। एनपीसीआई ने सभी बैंकों, भुगतान कंपनियों, और ऐप कंपनियों को इन बदलावों को लागू करने का निर्देश दिया है।
यूपीआई पर क्रेडिट लाइन जोड़ने की सुविधा तो पहले दी जा चुकी थी, लेकिन इसका नियंत्रण और निगरानी की व्यवस्था कमजोर थी। कई बार यह देखा गया कि ग्राहक इस कर्ज का इस्तेमाल उस मकसद के लिए नहीं करते, जिसके लिए यह मंजूरी मिली होती है। इससे बैंकिंग प्रणाली और उपभोक्ता सुरक्षा दोनों पर असर देखा जा रहा था। एनपीसीआई का कहना है कि इस सुविधा का दुरुपयोग रोकने के लिए नए नियम लागू किए जा रहे हैं।
पहले यूपीआई के जरिए केवल बचत खाते, वॉलेट या रुपे क्रेडिट कार्ड को जोड़ा जा सकता था, लेकिन बाद में क्रेडिट लाइन सुविधा को भी जोड़ दिया गया। यह एक तरह का लोन होता है, जो बैंकों की ओर से अपने ग्राहकों के लिए पहले से मंजूर होता है। इसमें क्रेडिट कार्ड की तरह ही ग्राहक को खर्च करने के लिए निश्चित रकम निर्धारित की जाती है। अगर उपयोगकर्ता के बचत खाते या यूपीआई वॉलेट में रकम नहीं है तो वह कर्ज की इस राशि का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर भुगतान के लिए कर सकता है। जितनी राशि खर्च की जाएगी, उतने पर ही बैंक ब्याज वसूलते हैं।
नए नियम
कर्ज का सही इस्तेमाल : कर्ज का इस्तेमाल उसी काम के लिए हो, जिसके लिए बैंक ने मंजूरी दी है। जैसे अगर किसी ने पढ़ाई के लिए कर्ज लिया है, तो उसे यूपीआई से कहीं और खर्च नहीं कर सकेंगे। बैंक की भूमिका अहम होगी : बैंक यह तय करेगा कि किस लेन-देन को मंजूरी दी जाए और किसे नहीं। यह निर्णय बैंक अपनी नीति और उस ऋण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर करेगा। सभी लेन-देन पर निगरानी : अगर ग्राहक उस क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल गलत उद्देश्य के लिए करता है, तो बैंक उसे रोक सकेगा। यह व्यवस्था इस नए सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत मानी जा रही है। ऐप में होगा बदलाव : सभी बैंक, यूपीआई भुगतान सेवा प्रदाता और ऐप कंपनियों को नए कोड जोड़ने होंगे ताकि ब्याज वाली क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल आसान हो।