नया वेतन आयोग जनवरी 2026 से होगा लागू

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग का गठन किया है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बदलाव के लिए सुझाव देना है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे कर्मचारियों को अपनी सैलरी और पेंशन में वृद्धि की उम्मीद है, खासकर सातवें वेतन आयोग के तहत दी जा रही सैलरी के मुकाबले।

वर्तमान में, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, और पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये है। फिटमेंट फैक्टर में बदलाव होने से सैलरी और पेंशन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हो सकती है। नए वेतन आयोग के तहत, फिटमेंट फैक्टर को 1.92 से लेकर 2.08 तक बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है। इससे कर्मचारियों की सैलरी 34,560 रुपये से लेकर 37,440 रुपये तक हो सकती है, जो 100% से 108% तक की बढ़ोतरी होगी। पेंशन भी 17,280 रुपये से लेकर 18,720 रुपये तक बढ़ सकती है।

हालांकि, इस बदलाव के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना होगा, क्योंकि आयोग के सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि इस बारे में उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।

शिव गोपाल मिश्रा, सचिव स्टाफ साइड एनसी-जेसीएम (राष्ट्रीय परिषद – संयुक्त सलाहकार मशीनरी) ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि 8वां वेतन आयोग 15 फरवरी, 2025 तक गठित हो जाएगा। आयोग की रिपोर्ट को 30 नवंबर तक अंतिम रूप दिया जाएगा और सरकार आगे के विचार के लिए दिसंबर में इसकी समीक्षा करेगी। इसके बाद देश में नया वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है।

एक्सपेंडिचर सचिव मनोज गोविल ने बताया था कि 8वां वेतन आयोग, वित्तीय वर्ष 2025-26 के अप्रैल महीने से अपना काम शुरू कर सकता है. रिपोर्ट के अनुसार संदर्भ की शर्तों (TOR) को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरी झंडी की आवश्यकता होगी.

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