
नई दिल्ली. इंडियन टैक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव की प्रक्रिया के तहत नए आयकर विधेयक, 2025 को तमाम संशोधनों के साथ आज लोकसभा में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे पेश करेंगी. इस नए विधेयक में प्रवर समिति के सुझाए गए 285 संशोधनों को शामिल किया जाएगा. भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति ने इन संशोधनों को मंजूरी दी थी. बता दें यह नया विधेयक करीब 63 साल पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए आयकर विधेयक में कई परिवर्तन हैं, जिनमें तकनीकी सुधार और बेहतर क्रॉस-रेफरेंसिंग शामिल हैं. इसके मसौदे पर खर्च हुए समय और मेहनत को लेकर की जा रही आलोचना के जबाव में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि इसे लेकर पहले किया गया काम व्यर्थ नहीं जाएगा. बता दें कि इस प्रस्ताव में देरी का एक प्रमुख कारण भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली संसदीय प्रवर समिति के व्यापक सुझाव थे.
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि जब कोई संसदीय समिति कई प्रस्तावित संशोधनों के साथ एक रिपोर्ट प्रस्तुत करती है और उनमें से कई को स्वीकार कर लिया जाता है, तो मानक प्रक्रिया यह होती है कि मूल विधेयक को वापस ले लिया जाए और उसका संशोधित संस्करण पेश किया जाए. उन्होंने बताया कि प्रत्येक संशोधन के लिए तीन अलग-अलग प्रस्तावों की जरूरत होती है, जो तब अव्यावहारिक है जब 285 से ज्यादा बदलावों की सिफारिश मिले, इनमें 32 बड़े बदलाव भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘विधेयक को वापस लेने और फिर से पेश करने का उद्देश्य समय की बचत, विधायी स्पष्टता और दक्षता सुनिश्चित करना है.’
गौरतलब है कि आयकर विधेयक 2025 को बीते 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसके बाद इसकी जांच के लिए भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में 31 सदस्यीय प्रवर समिति गठित की गई थी. इसने 285 सुझाव दिए थे और पिछले महीने 21 जुलाई 2025 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब संशोधित New Tax Bill, 2025 पेश करने जा रही हैं, जो 1961 के आयकर विधेयक की जगह लेगा. इसमें पहले की तुलना में कम धाराएं होंगी और ये पहले से बेहद आसान भाषा में होगा.
नए विधेयक में जिन प्रावधानों को शामिल किए जाने की उम्मीद है, उनमें गुमनाम दान को सामाजिक सेवाएं देने वालेट्रस्टों को छोड़कर, केवल विशुद्ध धार्मिक ट्रस्टों तक सीमित रखना, Taxpayers को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन के बाद बिना किसी जुर्माने के टीडीएस रिफंड का दावा करने की अनुमति देना भी शामिल है.
अन्य बड़े बदलावों पर नजर डालें, तो New Tax Bill, अब तक लागू 1961 के आयकर अधिनियम के साइज की तुलना में आधा है. 816 की जगह अब बिल में 536 धाराएं हैं और इसे सरल भाषा में खासतौर पर मुकदमेबाजी को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है. बीते दिनों आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा जारी FAQ के मुताबिक, इस नए विधेयक में शब्दों की संख्या मौजूदा कानून के 5.12 लाख की तुलना में अब घटकर 2.6 लाख रह गई हैं. इसके अलावा धाराओं की बात करें, तो इनकी संख्या भी पहले के 819 से घटाकर 536 कर दी गई है, जबकि अध्याय भी 47 से 23 कर दिए गए हैं.
नए Tax Bill-2025 में 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटाए गए हैं. एक और बड़ा बदलाव ये है कि टैक्सपेयर्स के लिए ये विधेयक अब तक अपनाए जाने वाले ‘एसेसमेंट ईयर’ और ‘प्रीवियस ईयर’ की अवधारणा को एक यूनिफाइड ‘कर वर्ष’ (Tax Year) से बदलने का प्रस्ताव करता है. बता दें कि फिलहाल, पिछले वर्ष की इनकम पर टैक्स पेमेंट Assessment Year में किया जाता है. जैसे 2023-24 में अर्जित आय पर 2024-25 में कर लगाया जाता है.