यूपी में हाईवे परियोजनाएं जमीन पर उतरने को तैयार

लखनऊ। यूपी में विकास की तेज रफ्तार दिख रही है। योगी सरकार प्रदेश का कायाकल्प बदलने के लिए सड़क परियोजनाओं के तहत कई हाईवे पास करने जा रही है। इससे सफर सहज और सुहावना तो होगा ही साथ ही समय भी कम लगेगा और रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।  

यूपी में 15573 करोड़ रुपये की नई हाईवे परियोजनाएं जमीन पर उतरने जा रही हैं। इससे कानपुर, बाराबंकी, बहराइच, अलीगढ़, आगरा, मथुरा और बरेली समेत कई जिलों की राह आसान होगी। इनमें से चार परियोजनाओं की वित्तीय बिड खुल चुकी हैं, जबकि पांच परियोजनाओं के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई जा रही है।


भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दिल्ली के सूत्रों के अनुसार, बरेली के 4-6 लेन दक्षिणी बाईपास के लिए डीपीआर तैयार हो रही है। इसकी लंबाई 30 किमी होगी और अनुमानित लागत 2000 करोड़ रुपये है। इसी तरह से कबरई-कानपुर को फोरलेन करने और बाराबंकी-जरवल (पैकेज-1) मार्ग के लिए भी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इनकी लागत क्रमश: 3900 करोड़ और 1550 करोड़ रुपये है। बाराबंकी जरवल मार्ग का यह पैकेज-1 करीब 35.7 किमी लंबा होगा।

बाराबंकी-जरवल मार्ग के पैकेज-2 में घाघरा नदी पर फोरलेन ब्रिज और आरओबी (रेलवे उपरिगामी सेतु) बनेगा। 7.3 किमी लंबी इस परियोजना पर 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जरवल से बहराइच के बीच 58.4 किमी सड़क निर्माण के लिए भी डीपीआर तैयार हो रही है। इसकी लागत 2050 करोड़ रुपये आंकी गई है।

इसके अलावा कानपुर रिंग रोड फेज-2 और मथुरा-हाथरस-बदायूं-बरेली फोरलेन (पैकेज-4) के लिए वित्तीय बिड खुल चुकी हैं। एनएच-93 के आगरा-अलीगढ़ के 28 किमी लंबे पैकेज-1 और इसी हाईवे के 36.9 किमी लंबे पैकेज-2 के लिए भी वित्तीय बिड की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिन चार परियोजनाओं की बिड खुल चुकी हैं, उनकी कुल लागत 5324 करोड़ रुपये है।

A first party app is for instance Google's official Gmail app for Android, while Thunderbird and the mail client app of Windows 8 are third-party apps. Answer: Stonehenge is only one example of a class of megalithic structures built throughout northern Europe.

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