मुसलमानों को भीख या सौगात की जरूरत नहीं : मसूद

नई दिल्‍ली। यूपी के संभल में सड़कों और मस्जिद की छत पर नमाज अदा करने पर पाबंदी को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने आपत्ति जताई है। इसके साथ ही उन्‍होंने ईद से पहले रमजान के पाक महीने में देश भर के 32 लाख गरीब मुसलमानों को ‘सौगात-ए-मोदी’ किट दिए जाने की घोषणा पर भी निशाना साधा है। सड़क और मस्जिद की छत पर नमाज पर पाबंदी को लेकर उन्‍होंने सरकार पर तीखा हमला बोला।

संभल में सड़क-मस्जिद की छत पर नमाज पढ़ने पर रोक को लेकर उन्‍होंने कहा कि यह फैसला मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन है। इमरान मसूद ने कहा- ‘सड़क का तो फिर भी समझ में आता है। सड़क उनकी प्रॉपर्टी है। आप रोक सकते हो। आपको सिर्फ मुसलमान के पांच मिनट नमाज पढ़ने से आपत्ति है। पूरी रात सड़क ब्‍लॉक हो जाए आपको आपत्ति नहीं होती। लेकिन छत तो आपकी प्रॉपर्टी नहीं है। आप छत के ऊपर क्‍यों रोकने का काम कर रहे हो?’

ईद से पहले मुसलमानों को प्रधानमंत्री मोदी की सौगात पर सांसद इमरान मसूद ने कहा कि मुसलमानों को भीख या सौगात की जरूरत नहीं है। उन्‍हें सुरक्षा और सम्‍मान की जरूरत है। सौगात देनी है तो मुसलमानों को शिक्षा की सौगात दें, सुरक्षा की सौगात दें, रोजगार की सौगात दें, वक्‍फ बोर्ड का बिल रोककर सौगात दें। मुसलमान भीख मांग रहा है क्‍या आपसे?

बता दें कि हाल में सांसद इमरान मसूद ने नवरात्र पर मुसलमानों को मीट नहीं खाने की सलाह दी थी। नवरात्र में मीट बैन की डिमांड पर उन्‍होंने कहा था कि अगर आप 10 दिन मीट नहीं खाओगे तो घिस नहीं जाओगे। उन्होंने कहा था कि मैं तो मीट नहीं खाता, मुझे भी तो कुछ नहीं हुआ। इमरान यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि यदि इससे किसी और को खुशी मिल रही है तो उसे खुशी देने में क्या दिक्कत है। सांसद इमरान मसूद का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। सांसद इमरान मसूद ने कहा था कि हमें एक-दूसरे के धर्म और त्योहारों का सम्मान करना चाहिए। यही हमारी भारतीय साझी संस्कृति-साझी विरासत है। हमें एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए।

Related Articles

Back to top button