नगर निगमों को गैर-कर राजस्व बढ़ाने चाहिए:आर बी आई

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में नगर निगमों के वित्तीय प्रबंधन और राजस्व सृजन के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि नगर निगमों को अपने गैर-कर राजस्व बढ़ाने के लिए जल आपूर्ति, स्वच्छता, और अन्य आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं के लिए उपयोगकर्ता शुल्क को उचित रूप से निर्धारित करना चाहिए। इसका उद्देश्य नगर निगमों को स्थिर वित्तीय स्थिति में रखने के साथ-साथ नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना है।

गैर-कर राजस्व बढ़ाना: नगर निगमों के लिए यह आवश्यक है कि वे केवल करों पर निर्भर न रहें, बल्कि जल आपूर्ति, स्वच्छता, पार्किंग शुल्क, और अन्य सार्वजनिक सेवाओं के लिए उपयुक्त उपयोगकर्ता शुल्क वसूलें। यह कदम नगर निगमों को अपने वित्तीय संसाधनों को सुदृढ़ बनाने में मदद करेगा।

गुणवत्तापूर्ण सेवाएं: उपयोगकर्ता शुल्क को बढ़ाकर नगर निगमों को संसाधन जुटाने के साथ ही, नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करने का अवसर मिलेगा। इससे नगर निगमों की कार्यप्रणाली और जवाबदेही दोनों में सुधार होगा।

राजस्व सृजन के अवसर और चुनौतियां: रिपोर्ट में 232 नगर निगमों की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करते हुए उनके सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों और राजस्व सृजन के अवसरों पर गहन चर्चा की गई है। कई नगर निगमों को संसाधन जुटाने के लिए पारंपरिक तरीकों के अलावा नए और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।

स्थिर वित्तीय स्थिति के लिए उपाय: नगर निगमों को राजस्व सृजन के लिए नए रास्ते खोजने होंगे और साथ ही अपनी लागत को भी प्रभावी रूप से नियंत्रित करना होगा। इससे नगर निगम न केवल अपने वित्तीय घाटे को कम कर सकेंगे, बल्कि उनकी सार्वजनिक सेवा प्रदान करने की क्षमता में भी वृद्धि होगी।

रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य नगर निगमों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का है ताकि वे नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें। भारतीय रिजर्व बैंक का यह सुझाव यह भी दर्शाता है कि नगर निगमों को अपने वित्तीय प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता और नवाचार की आवश्यकता है, ताकि वे अपनी सेवाओं का स्तर बेहतर बना सकें और राजस्व में वृद्धि कर सकें।

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