कश्मीर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर से निरस्त किए जाने के बाद कश्मीर दौरे पर पहली बार पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कश्मीर दौरे के दौरान मशहूर हजरतबल दरगाह जाएंगे जहां वो ‘हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास’ प्रोजेक्ट की शुरुआत करने वाले है। ये प्रोजेक्ट तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके जरिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा।
हजरतबल दरगाह कश्मीर की मशहूर डल झील के किनारे पर स्थित है, जो कि मूल रूप से मुस्लिमों का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। हालांकि इस दरगाह पर सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग आकर माथा टेकते है। इस विकास प्रोजेक्ट में तीर्थस्थल की चारदीवारी को लेकर निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा पूरे क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा। हजरतबल तीर्थ परिसर में प्रकाश व्यवस्था, तीर्थस्थल के चारों ओर घाटों और देवरी पथों में सुधार, सूफी व्याख्या केंद्र का निर्माण, पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण, संकेतक की स्थापना, बहुस्तरीय मंजिला कार पार्किंग, सार्वजनिक सुविधा ब्लॉक, तीर्थस्थल के प्रवेश द्वार का निर्माण भी किया जाएगा। बता दें कि कश्मीर में हजरत पैगंबर मोहम्मद को कहा जाता है जबकि बल का अर्थ जगह होता है। वहीं इस दरगाह को लेकर मान्यता है कि मोहम्मद पैगम्बर के बाल सैयद अब्दुल्ला कश्मीर लाए थे और उन बालों को इसी दरगाह पर दफनाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और स्वतंत्र रूप से सांस ले रहा है। मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर अनुच्छेद 370 पर न केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों को बल्कि पूरे देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने आगामी रमजान के पवित्र महीने और महाशिवरात्रि के पर्व के लिए अपनी ‘अग्रिम शुभकामनाएं’ दीं। महाशिवरात्रि शुक्रवार को है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक जनसभा में मोदी ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर आज विकास की नयी ऊंचाइयों को छू रहा है क्योंकि वह खुलकर सांस ले रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये वो नया जम्मू कश्मीर है, जिसका इंतजार हम सभी को कई दशकों से था। ये वो नया जम्मू कश्मीर है, जिसके लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था। इस नए जम्मू कश्मीर की आंखों में भविष्य की चमक है, इस नए जम्मू कश्मीर के इरादों में चुनौतियों को पार करने का हौंसला है।’’