
बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में कई ऐसी एक्ट्रेस हैं, जो बढ़ती उम्र में भी एकदम जवां दिखती हैं और उनकी स्किन भी यंग लगती है। फिर भले ही वह कितना भी कहें कि उनकी यंग स्किन के पीछे का राज अच्छा खानपान है। जबकि यह पूरी तरह से सच नहीं होता है। अभिनेत्रियां यंग दिखने के लिए बोटोक्स ट्रीटमेंट लेती हैं।
मेसो बोटोक्स में चेहरे के खास हिस्सों पर हायलूरोनिक एसिड के साथ पतले बोटुलिनम टॉक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है। इस ट्रीटमेंट में माइक्रो नीडल का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर मेसो बोटोक्स का इस्तेमाल आंखों के नीचे झुर्रियां, माथे की बारीक झुर्रियां, मुंह का दबा हुआ कोण, नासोलैबियल फोल्ड, गर्दन और हाथ की झुर्रियों को हटाने में मदद किया जाता है।
बोटोक्स और मेसो बोटोक्स एक जैसे नहीं होते हैं। दोनों में काफी फर्क होता है। बोटोक्स का इंजेक्शन सीधे मांसपेशियों में लगाया जाता है। वहीं मेसो बोटोक्स का इंजेक्शन स्किन की सतह पर लगाया जाता है। मेसो बोटोक्स में कम मात्रा में बोटुलिनम पाया जाता है। जबकि बोटोक्स में बोटुलिनम का पर्याप्त इस्तेमाल किया जाता है। इसी वजह से मेसो बोटोक्स को बेबी बोटोक्स भी कहा जाता है।
अगर आप भी मेसो बोटोक्स लेने का सोच रही हैं, तो किसी अच्छे स्किन एक्सपर्ट की सलाह लें। वह आपका स्किन टेस्ट करेंगे और उसके बाद ट्रीटमेंट की सलाह देंगे। इसको कराने के बाद फेस पर हल्की लालिमा का अनुभव होना सामान्य है। लेकिन अगर चेहरे की रेडनेस कम नहीं हो रही है, तो आपको फौरन डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। इसकी वजह से आपके चेहरे पर सूजन हो सकती है।