कनाडा में हाल ही में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और नफ़रत के मामलों को लेकर गहरी चिंता का माहौल बन गया है। इस संदर्भ में उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (NAHC) द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन ने स्थिति को और उजागर किया। मंगलवार को ब्रैम्पटन में एक हजार से अधिक हिंदू समुदाय के सदस्य एकत्र हुए, जिनमें कनाडाई हिंदू मंदिरों पर खालिस्तानी हमलों के बाद उत्पन्न असुरक्षा और भय को लेकर चिंताएं व्यक्त की गईं।
यह विरोध प्रदर्शन कनाडा में हिंदू प्रवासियों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य था कि हिंदू समुदाय इस बढ़ती हिंसा और धमकियों के खिलाफ एकजुट हो। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने “सुरक्षा” और “नफ़रत के खिलाफ एकजुटता” जैसे नारे लगाए और स्थानीय प्रशासन से यह अपील की कि वे हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हाल के हमले, विशेषकर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा, ने कनाडाई हिंदू समुदाय को एक नए प्रकार की असुरक्षा का सामना करवा दिया है। यह भी देखा गया कि कनाडा में सिख समुदाय से जुड़े कुछ चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदू धर्म और हिंदू प्रतीकों पर हमले बढ़े हैं, जिससे हिंदू प्रवासी समुदाय को गंभीर चिंता हो रही है।
आयोजकों ने कनाडाई हिंदू समुदाय के सदस्यों से अपील की कि वे एकजुट होकर इस समस्या का समाधान निकालने के लिए आवाज उठाएं और साथ ही अपने धार्मिक स्थलों और संस्कृतियों की रक्षा करें।
यह घटनाएँ कनाडा में विविधता और सह-अस्तित्व के सिद्धांतों पर सवाल उठा रही हैं, और यह प्रतीत होता है कि हिंसा और असहिष्णुता के खिलाफ एक मजबूत और सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।