कर्नल कुरैशी पर बीजेपी मंत्री की टिप्पणी पर मायावती का हमला

लखनऊ। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की अगुवाई करने वाली भारतीय सेना की मुस्लिम महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी चर्चा में बनी हुई है। वहीं कर्नल सोफिया को लेकर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की कथित अभद्र टिप्पणी पर सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा को कठघरे में खड़ा करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

बसपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि देश को विजय शाह के खिलाफ भाजपा की कार्रवाई का इंतजार है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भले ही एफआईआर दर्ज हुई हो, लेकिन भाजपा नेतृत्व अब तक खामोश है। उन्होंने आगे कहा कि देश में बढ़ते साम्प्रदायिक और जातिवादी द्वेष, नफरत और हिंसा को रोकने के लिए राज्य सरकारों को बिना भेदभाव सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर सरकारें अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं निभाएंगी तो इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ेगी और विकास बाधित होगा।

बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में सरकारों को अदालत के निर्देश का इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्नल सोफिया जैसी वीर महिला अधिकारी के सम्मान की रक्षा हर भारतीय का कर्तव्य है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से संबंधित हो। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बता दें, बीजेपी मंत्री विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज होती जा रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी मंत्री विजय शाह के बयान को लेकर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों ले लिया है।

इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पहलगाम हत्याकांड के बाद पाकिस्तान में आतंकियों के विरुद्ध सेना के आपरेशन सिंदूर की नायिका मुस्लिम महिला कर्नल को लेकर अभद्र टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट की सख्ती के बाद कल देर रात दर्ज एफआईआर उचित, किन्तु भाजपा की ओर से ऐक्शन की देश को प्रतीक्षा।

देश में साम्प्रदायिक और जातिवादी द्वेष, नफरत, हिंसा और तनाव फैलाने वालों के खिलाफ, कोर्ट से पहले, राज्य सरकारों को बिना भेदभाव कार्रवाई करके अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था की संवैधानिक जिम्मेदारी निभाना जरूरी, वरना अपेक्षित विकास बाधित होता रहेगा, जो जन व देशहित में सही नहीं।

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