कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं मंगल

3 अप्रैल 2025 को मंगल का कर्क राशि में गोचर होगा। शौर्य और पराक्रम के प्रतीक मंगल ग्रह 7 जून 2025 तक कर्क राशि में ही रहेंगे।  मंगल के नीच राशि में आने की वजह से कुछ नकारात्मक परिणाम मिलेंगे, लेकिन शौर्य के प्रतीक मंगल के पराक्रम में कोई कमी नहीं आएगी। ऐसे में अपने साहस से हालात को अनुकूल किया जा सकता है। मंगल का गोचर मिश्रित परिणाम देने वाला होगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, मंगल गोचर वृषभ, मिथुन और कुंभ राशि के जातकों के लिए लाभदायक रहने वाला है।

मंगल मेष राशि के आठवें भाव के स्वामी हैं और कर्क राशि में गोचर के बाद चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे। इसे अच्छा नहीं समझा जाता है। आपको घरेलू मामलों में सावधानी बरतनी होगी। सही संगति रखें। प्रतिकूल व्यक्तियों के साथ संगत बढ़ सकती है। गृहस्थी और सेहत का ख्याल रखें। वृषभ राशि वालों की कुंडली में मंगल सातवें और 12वें भाव के स्वामी हैं। गोचर के बाद वह तीसरे भाव में जाएंगे। ऐसे में आपको जीवनसाथी की साथ तालमेल बैठाने में परेशानी हो सकती है। मतभेद पनप सकते हैं। विदेश से लाभ मिल सकता है। धन लाभ हो सकता है। प्रतिस्पर्धा से जुड़े कार्यों में प्रगति होगी।

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और 11वें भाव के स्वामी हैं। गोचर के बाद वह दूसरे भाव में जाएंगे। इससे आपको धन लाभ हो सकता है, लेकिन खर्च भी होंगे। फिजूलखर्ची से बचें। याद रखें कि परिवार के साथ मतभेद न पनपें। सेहत का खास ख्याल रखें। कर्क राशि के जातकों की कुंडली में मंगल पांचवें और 10वें भाव के स्वामी हैं। पहले भाव में मंगल का गोचर होने से रक्त से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए सावधान रहें। सेहत का खास ध्यान रखें। वाहन सावधानी से चलाएं। विपरीत लिंगी से विवाद न करें। संतान के साथ अनुकूल संबंध बनाएं। सतर्कता बरतें।

सिंह राशि वालों की जन्मराशि में मंगल चौथे और भाग्य भाव के स्वामी हैं। गोचर के बाद 12वें भाव में प्रवेश करेंगे। इससे आपको अनचाही यात्रा या स्थानांतरण का सामना करना पड़ सकता है। भू-संपत्ति के मामलों में सावधानी बरतें। विदेश जाने के रास्ते आसान हो सकते हैं। धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। कन्या राशि के जातकों की कुंडली में मंगल आठवें भाव के स्वामी हैं और लाभ भाव में गोचर करेंगे। गोचर आपको अच्छे परिणाम देगा। हालांकि कुछ मामलों में देरी हो सकती है। आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। व्यापारी वर्ग को फायदा हो सकता है।

तुला राशि वालों की कुंडली में मंगल दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और गोचर के बाद 10वें भाव में प्रवेश करेंगे। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। संचित धन खर्च हो सकता है। रोजगार के मामले और दांपत्य जीवन में सावधानी बरतें। वृश्चिक राशि वालों की जन्मराशि में मंगल लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में गोचर के बाद भाग्य भाव में जाएंगे। इससे आपकी सोच सकारात्मक होगी। हालांकि स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आलस्य से बचें। आर्थिक लेनदेन का ध्यान रखें। व्यापार में बेहतर परिणाम मिलेंगे।

धनु राशि वालों की कुंडली में मंगल पांचवें और 12वें भाव के स्वामी हैं। गोचर के बाद आठवें भाव में जाएंगे। आपको सावधानी से रहने की जरूरत होगी। प्रेम प्रसंगों में विवाद हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग लापरवाही से बचें। पेट संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। विवाद या दुर्घटना से बचें। स्वभाव में मधुरता रखें। मकर राशि वालों की कुंडली में मंगल चौथे और लाभ भाव के स्वामी हैं और गोचर के बाद सप्तम भाव में जाएंगे। इसे अच्छा नहीं समझा जाता है। दांपत्य जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। बेवजह की यात्राएं टाल दें। व्यापार में नई डील करते समय सजग रहें। आर्थिक लेन-देन में समझदारी से काम लें। भाइयों और दोस्तों के साथ संबंध बनाए रखें।

कुंभ की जन्मराशि में मंगल कुंडली और तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और छठे भाव में जाएंगे। इससे आपको औसत से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। विवादों में आपको सफलता मिलेगी। हालांकि बेवजह के विवाद से बचें। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखें। मान-सम्मान बढ़ेगा। मीन राशि के जातकों की कुंडली में मंगल दूसरे और भाग्य भाव के स्वामी हैं और गोचर के बाद पंचम भाव में प्रवेश करेंगे। इससे आपको मन को शांत रखना होगा। पेट से जुड़ी परेशानियों से सतर्क रहना होगा। संतान से अनबन हो सकती है। मन की शुद्धता बनाए रखें। वाणी में मधुरता से अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।

Related Articles

Back to top button