
लखनऊ। यूपी में अगले विधानसभा चुनाव (2027) में अभी भले वक्त हो, लेकिन सबसे ताकतवर नौकरशाही गद्दी यानी मुख्य सचिव पद पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। इसको लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों जबरदस्त हलचल है। मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो रहा है। बड़ा सवाल सबके सामने है कि क्या सीएम योगी के करीबी मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार मिलेगा या फिर कोई नया चेहरा इस पद को संभालेगा? फिलहाल अगला मुख्य सचिव कौन होगा, इसको लेकर योगी सरकार की साख भी दांव पर है।
मुख्य सचिव का पद केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं बल्कि मुख्यमंत्री और सरकार के सुचारु संचालन का सबसे अहम आधार होता है। ऐसे में यह तय करना कि अगले दिनों में इस गद्दी पर कौन बैठेगा, योगी सरकार और केंद्र के लिए बेहद अहम निर्णय बन चुका है।
मनोज कुमार सिंह 1988 बैच के वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद विश्वस्त अफसर माने जाते हैं। उन्हें 30 जून 2024 को मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जब दुर्गा शंकर मिश्र का कार्यकाल पूरा हुआ था। अब जबकि 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख नजदीक है, योगी सरकार उन्हें सेवा विस्तार दिलाने की कोशिशों में जुटी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, सीएम योगी ने इसके लिए दिल्ली में कई स्तरों पर बात की है। हालांकि, हाल ही में एक मुलाकात की तस्वीरों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं कि कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिलता है तो यह स्पष्ट संकेत होगा कि दिल्ली और लखनऊ के बीच सबकुछ सामान्य नहीं है। कांग्रेस नेता ने यहां तक कह दिया कि अगर सेवा विस्तार मिलता है, तो मानिए चीज़ें पॉजिटिव हैं, नहीं मिला तो समझिए संकेत अच्छे नहीं हैं।
यूपी के मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के रोडमैप को धार दी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2024, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी, और औद्योगिक परियोजनाओं की निगरानी में उनकी भूमिका को सराहा गया है। इसके अलावा वे आईआईडीसी, चेयरमैन पिकप, और सीईओ यूपीडा जैसे अहम पदों की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
मुख्य सचिव पद पर सेवा विस्तार कोई नई बात नहीं है। पहले भी राजीव कुमार, अनूप चंद्र पांडे, और दुर्गा शंकर मिश्रा जैसे अधिकारी भी इस लाभ को प्राप्त कर चुके हैं। यही कारण है कि योगी सरकार आश्वस्त है कि इस बार भी केंद्र से हरी झंडी मिल सकती है।
अगर केंद्र से सेवा विस्तार की मंजूरी नहीं मिलती है तो तीन वरिष्ठ अधिकारी इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं। इसमें सबसे पहला नाम 1989 बैच के आईएएस अधिकारी एसपी गोयल बताए जा रहे हैं। एसपी गोयल मौजूदा समय में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव हैं। नौकरशाही पर मजबूत पकड़ और मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। इसी तरह 1989 बैच के ही देवेश चतुर्वेदी का नाम भी चर्चा में हैं। वो केंद्र में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव है। योगी के सांसद कार्यकाल में गोरखपुर के जिलाधिकारी रह चुके हैं। उनकी गिनती बेहतरीन प्रशासकों में होती है। 1990 बैच के दीपक कुमार भी कतार में हैं। वर्तमान में एपीसी, वित्त, माध्यमिक और बेसिक शिक्षा जैसे अहम विभागों की कमान संभाल रहे हैं। तेज निर्णय लेने की क्षमता और ईमानदार छवि के लिए प्रसिद्ध हैं।