कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति हमारे जीवन की दिशा तय करती है। ऐसे में हर गृह का व्यक्ति के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं मंगल ग्रह की। इसे ऊर्जा और पराक्रम का कारक माना जाता है। ज्योतिष मंगल को एक क्रूर ग्रह के रूप में मानता है। कुंडली में मंगल दोष अथवा मांगलिक दोष मंगल ग्रह से ही बनने वाला दोष है। ज्यादातर शादी-विवाह में आने वाली दिक्कतें व कर्ज का बोझ बढ़ना और प्रोपर्टी संबंधित समस्याएं होना मांगलिक दोष का ही प्रभाव है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी मदद से मांगलिक दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता हैं। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में…बालाजीकोसिंदूरचढ़ाएं
प्रतिदिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें। अपने पूजा घर में एक केसरिया गणपति की मूर्ति स्थापित करें और रोज उसकी पूजा करें। इसके साथ कन्या के मंगल दोष होने पर भगवान विष्णु से विवाह करवाकर मंगल दोष को समाप्त किया जा सकता है।
मांमंगलागौरीकीपूजा
कुंडली से जुड़े मंगल दोष को दूर करने के लिए तमाम उपायों में मां मंगला गौरी की पूजा अत्यंत ही शुभ और शीघ्र ही फलदायी मानी गई है। देश के कई शहरों में मां मंगला गौरी के मंदिर हैं, जहां पर जाकर आप इस दोष से बचने का महाउपाय कर सकते हैं। मां मंगला गौरी का एक ऐसा ही पावन मंदिर बनारस शहर के बालाजी घाट के ऊपर स्थित है। मान्यता है कि यहां पर देवी के 7, 14 या फिर 21 दर्शन करने से कुंडली का मंगल दोष प्रभावहीन हो जाता है और उसके विवाह में आ रही सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं। विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए यहां पर माता को हल्दी की माला भी विशेष रूप से चढ़ाई जाती है।सौंफकाउपाय
मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए लाल रंग के कपड़े में थोड़ा सा सौंफ बांध लें और इसे अपने बेडरूम में किसी जगह रख दें। इसी के साथ दान देना भी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसलिए गेहूं, लाल रंग के वस्त्र, गुड़, तांबा, घी, शक्कर, मसूर की दाल आदि का दान करना चाहिए।
करेंमंगलनाथकीपूजा
उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर मंगल ग्रह से जुड़े सभी प्रकार के दोषों को दूर करने के लिए महातीर्थ के रूप में जाना जाता है। कुंडली में जिस मंगल दोष होने के कारण अक्सर लोगों को विवाह में विलंब, दांपत्य जीवन में समस्याएं, कर्ज आदि की समस्याओं से जूझना पड़ता है, उससे निजात पाने के लिए इस सिद्ध स्थान पर मंगल की विशेष रूप से भात पूजा करवाई जाती है। मान्यता है कि भूमिपुत्र मंगल देवता की विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है।