
नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले को लेकर पूरे देश में बयानबाजी जारी है। सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद सीएम फडणवीस के भगवा कभी आतंकवाद नहीं था वाले बयान को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। एनसीपी शरद गुट का कहना है कि एक मुख्यमंत्री ऐसा कैसे कह सकते हैं। उन्हें कहना चाहिए था कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
एनसीपी शरद गुट के नेता मजीद मेमन ने कहा, “मुख्यमंत्री ऐसा कैसे कह सकते हैं? उन्हें कहना चाहिए था कि अगर अपराधियों के खिलाफ अपराध साबित नहीं हुए हैं तो वह फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। कुछ दिन पहले ट्रेन विस्फोट मामले में जब मुसलमानों को छोड़ दिया गया था तब उनका यही बयान था। एक मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें दोनों मामलों को समान नजर से देखना चाहिए।
फडणवीस ने मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले की सराहना करते हुए कहा ‘आतंकवाद न कभी भगवा था और न कभी होगा।’ वहीं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि इस फैसले ने हिंदू समुदाय पर लगे कलंक को मिटा दिया है। इतना ही नहीं शिंदे ने दावा किया कि हिंदू कभी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नहीं हो सकते और उन्होंने ‘‘हिंदू आतंकवाद के बेतुके शब्द’’ गढ़ने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा।
आपको बता दें इससे पहले कल राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने भी विपक्ष पर हमला करते हुए कहा था कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता है।
गौरतलब है कि मालेगांव विस्फोट में छह लोगों की मौत होने के करीब 17 साल बाद एक विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सातों आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई ‘‘विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं हैं।