आधुनिक युग में शरीर बहुत से तनाव झेलता है। रोजमर्रा की व्यस्त शहरी जीवन शैली के कारण सबसे अधिक तनाव झेलने वाले अंग आपके कंधे हैं। मनुष्य का भौतिक शरीर एक चलते-फिरते उपकरण की तरह है जो कि दिनभर सक्रिय रहता है, इधर-उधर घूमता रहता है, भोजन एकत्र करता है। सारे शारीरिक अंग कुछ ना कुछ कार्य करते रहते हैं। फिर भी संघर्ष यहाँ ख़त्म नहीं होता, हम काम पर जाने के लिए गाड़ी में बैठते हैं या ड्राइव करते हैं, सारा दिन कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं, अपना दोपहर का भोजन भी अपने डेस्क पर ही बैठे-बैठे खाते हैं, फिर घर पर आकर भी टीवी के सामने बैठ जाते हैं, इसके फलस्वरुप हमारे कंधे अकड़ जाते हैं, और धीरे-धीरे सख़्त हो जाते हैं। साधारणतः दायाँ कंधा अधिक रूप से पीड़ित होता है।
कंधों के दर्द को कम करने के लिए योग
आधुनिक गतिहीन जीवन शैली में सारा दिन एक कुर्सी पर बैठे रहना होता है जिससे कंधे जकड़ जाते हैं और कंधों में तनाव हो जाता है। इसके फलस्वरूप चिंता और नकारात्मक भावनाएं यहां पर एकत्र हो जाते हैं। तो किस प्रकार के क्रियाकलाप इन अकड़े कंधों को डिफ्रॉस्ट करने में सहायता करते हैं? क्या योग कंधों के दर्द में मदद करता है?
बिलकुल! इसमें कोई संदेह नहीं है की योगासन इन कंधों की मांसपेशियों को विश्राम देने तथा तनाव दूर करने में सहायक होती है। योगासन ना केवल कंधों बल्कि गर्दन और पीठ के ऊपरी भाग को भी विश्राम देता है। बेहतर यह होगा कि कंधों के दर्द के लिए योग का निरंतर अभ्यास किया जाए और किसी योग गुरु के निर्देशन में इसको ठीक तरह से सीखा जाए। इससे जिस भी भाग में दर्द होगा योग गुरू विशेष तौर पर उसी भाग के लिए विशेष मुद्रा का सुझाव करेंगे।
कंधों के लिए योगासन
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सुबह सोकर उठने के बाद सबसे पहले वार्म अप व्यायाम करें, जैसे हल्की जोगिंग, शेकिंग या जंपिंग। यह बेहतर होगा सुबह का आरंभ सूर्य नमस्कार से करें। जब शरीर गर्म और तैयार हो जाएगा तब अपना ध्यान कंधों के व्यायाम पर लेकर जाएं। जैसे कंधों को घुमाना- पीछे, नीचे, अंदर की ओर गर्दन को घुमाना और फिर शरीर को घुमाना या मोड़ने की मुद्राएं। फिर धीरे-धीरे कुछ उन्नत मुद्राएं जैसे बैक बैंडिंग और हार्ट ओपनिंग। बेहतर यही होगा कि इन सब योग मुद्राओं का अभ्यास किसी प्रशिक्षित योग टीचर के निर्देशन में ही करें जो आपका कुशलता से मार्गदर्शन करेंगे।
अधिक लोग योग का अभ्यास आरंभ में बहुत अकड़न के साथ करते हैं परंतु धीरे-धीरे नियमित अभ्यास से शरीर खुलने लगता है, रुकावटें दूर होने लगती हैं और सख्ती कम होने लगती है, कंधे अधिक नर्म व लचीले होने लगते हैं। तो कंधों के लिए इन सरल योग मुद्राओं को आरंभ करें
गरुड़ासन
पश्चिम नमस्कार आसन
उष्ट्रासन
धनुरासन
पूर्वोत्तानासन
गरुड़ासन
कंधों को और पीठ के ऊपरी भाग को खींचता है। कंधों को ढीला करके तनाव दूर करता है।
पश्चिम नमस्कार आसन
कंधों के जोड़ों को खोलता है। और छाती की मांसपेशियों को खींचता है।
उष्ट्रासन
शरीर के सामने के भाग को खींच कर मजबूत करता है। पीठ के निचले भाग में दर्द को दूर करता है।
धनुरासन
छाती, गर्दन और कंधों को खोलता है। तनाव को तथा थकान को दूर करता है।
पूर्वोत्तानासन
कंधों छाती और गर्दन को खींचता है। कंधों, पीठ, टखनों और कलाइयों को मजबूत करता है।
इन मुद्राओं को करने से पूर्व कुछ याद रखने योग्य बातें:
- एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में धीरे-धीरे पूर्ण जागरूकता के साथ जाएं।
- सांसों पर ध्यान दें, सांसे लगातार तथा सामान्य हो।
- अभ्यास किसी प्रशिक्षित टीचर के निर्देशन में ही करें और जब आप मुद्राओं में आराम से आ सके तब इन का अभ्यास स्वयं घर पर करें जैसा की आपको योग गुरु ने सिखाया है।
सर्वोत्तम उपाय है कि आप श्री श्री योग कोर्स करें या अपने आसपास योग निर्देशक का पता लगाएं या आने वाले श्री श्री योग सीजन का पता लगाएं। यद्यपि योगाभ्यास शरीर और मन के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, फिर भी इसे दवा के बदले आजमाना उचित नही है। योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और योग के प्रशिक्षक की अनुमति के पश्चात ही योगाभ्यास करें।