
नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और हाई-टेक डिवाइसेज के भविष्य के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। देश की जानी-मानी ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा और प्रमुख ऑटो कंपोनेंट निर्माता यूनो मिंडा अब भारत में रेयर अर्थ मैग्नेटके निर्माण की योजना बना रहे हैं। ये वही मैग्नेट है, जो इलेक्ट्रिक मोटर्स, डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बेहद जरूरी होते हैं।
वर्तमान में दुनिया के 90% रेयर अर्थ मैग्नेट चीन से आते हैं। लेकिन, अप्रैल 2025 में चीन ने इनके निर्यात पर रोक लगाकर दुनिया भर की कंपनियों को चौंका दिया। अमेरिका और यूरोप को तो अब फिर से सप्लाई शुरू हो चुकी है, लेकिन भारत को अब भी क्लियरेंस का इंतजार है। यही वजह है कि मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। भारत में अब रेयर अर्थ मैग्नेट (Rare Earth Magnet) का घरेलू उत्पादन संभव हो सकता है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, महिंद्रा (Mahindra) ने हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज (Ministry of Heavy Industries) के साथ एक बैठक में घरेलू उत्पादन में रुचि दिखाई है। कंपनी घरेलू निर्माता के साथ पार्टनरशिप या लॉन्ग-टर्म सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट के लिए भी तैयार है। महिंद्रा ने हाल ही में दो नई इलेक्ट्रिक SUV लॉन्च की हैं और अब वे अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट (Rare Earth Magnets) की स्थिर सप्लाई सुनिश्चित करना चाहते हैं। वहीं, यूनो मिंडा (Uno Minda) भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है, ताकि भारत की इंडस्ट्री को चीनी निर्भरता से मुक्ति मिल सके।
ये मैग्नेट इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मोटरों, स्मार्टफोन, कंप्यूटर, MRI मशीन और यहां तक कि मिसाइल सिस्टम तक में उपयोग होते हैं। EV इंडस्ट्री के लिए ये दिल की धड़कन के समान हैं।चीन की सप्लाई रुकने से पूरे ऑटो सेक्टर पर असर पड़ सकता है।
महिंद्रा (Mahindra) और यूनो मिंडा (Uno Minda) जैसे इंडस्ट्री लीडर्स का रेयर अर्थ मैग्नेट (Rare Earth Magnets) के क्षेत्र में आगे आना न केवल भारत के EV मिशन को बूस्ट देगा, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी भारत को सशक्त बनाएगा। इससे चीन पर निर्भरता घटेगी, भारत में नौकरियां बढ़ेंगी और भारत की तकनीकी सुरक्षा को नया आयाम मिलेगा।