उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से प्रयागराज में होने वाले आगामी महाकुंभ की तैयारियों को लेकर जो योजनाएं सामने आई हैं, वे न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और तकनीकी दृष्टिकोण से भी बेहद दिलचस्प हैं। संस्कृति ग्राम का निर्माण एक महत्वपूर्ण पहल है, जो महाकुंभ को न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी एक भव्य प्रदर्शन बनाने का प्रयास करेगा। यह योजना महाकुंभ के दर्शकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव देने का उद्देश्य रखती है।
महाकुंभ में देश-दुनिया से करीब 25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसलिए इसको उत्तर प्रदेश के भव्य ब्रैंड के मौके के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि बुनियादी सुविधाओं के साथ ही इस उत्सव के रंग को गाढ़ा करने की तैयारी है। पर्यटन विभाग ने संस्कृति ग्राम के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें 20 स्टॉल भी प्रदर्शित किए जाएंगे, जिसमें शिल्प और स्थानीय हस्तकला को तरहीज दी जाएगी।
महाकुंभ के संस्कृति ग्राम को ऑग्मेंटेड रियलिटी वर्चुअल रिएलिटी का हब बनाया जाएगा। महाकुंभ के आध्यात्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाया जाएगा। महाकुंभ की यात्रा को विभिन्न कालखंडों में इन माध्यमों से दिखाया जाएगा। संस्कृति ग्राम को विभिन्न जोन जैसे- पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक अभिलेख, प्राचीन संस्कृति, ज्योतिष, कला एवं संवाद के अलग-अलग जोन में बाटा गया था।
महाकुंभ के संस्कृति ग्राम में कन्नौज के राजा हर्षवर्धन द्वारा अपनी समस्त संपत्ति की दान किए जाने का चित्रण भी मिलेगा। महाकुंभ से जुड़े सभी स्थलों की विशेषता, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भों को 360 डिग्री वर्चुअल एक्सपीरियंस, मल्टीमीडिया डिस्प्ले और इंटरैक्टिव कियोस्क के माध्यम से जाना जाएगा। वेद, पुराण और चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिष शास्त्रों का प्रदर्शनी स्थल पर उल्लेख किया जाएगा। साथ ही भारत के सभी प्राचीन विश्वविद्यालय का भी जिक्र किया जाएगा। मेन स्टेज पर रोजाना संगीत, शास्त्रीय और लोकनृत्य की प्रस्तुतियां होंगी। इसके अलावा नाटक, फूड स्टॉल्स, क्राफ्ट वर्कशॉप, डांस-म्यूजिक वर्कशॉप और कुकिंग आदि का भी आयोजन होगा। वहीं महाकुंभ घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए गाइड और सूचना केंद्र की भी सुविधा होगी।
बता दें कि महाकुंभ मेला में यूपी पर्यटन विभाग 30 बेहद भव्य द्वारों का निर्माण कराएगा। इनके द्वारों के नाम स्वास्तिक द्वार, डमरू द्वार, शंख द्वार, कामधेनु द्वार, लक्ष्मी द्वार, ओम द्वार, शिवलिंग द्वार, चंद्र द्वार, कलश द्वार, महाकुंभ लोगो द्वार, त्रिशूल द्वार, महाकुंभ 2025 द्वार, सूर्य द्वार, देव दल द्वार, कमल द्वार, गदा द्वार, धनुष द्वार, गंगा द्वार, कौस्तुभ द्वार, नंदी द्वार, संगम द्वार, नाग वासुकी द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, 14 रत्न कथा द्वार, कच्छप द्वार, कल्पवृक्ष द्वार, ऐरावत द्वार, समुद्र मंथन द्वार, रुद्राक्ष द्वार व अश्व द्वार हैं। साथ ही इन सभी द्वारों पर लैंप पोस्ट, सेल्फी प्वाइंट और पोर्टेबल टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। थीम के अनुरूप ही सभी द्वार निर्मित किए जाएंगे। यह द्वार थीम के महत्व को दर्शाएंगे और यह पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र होगा।
योगी सरकार की पहल से महाकुंभ को भव्य और आकर्षक बनाने की दिशा में काफी काम हो चुका है। इस तरह के आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि ये भारतीय सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक कुम्भ मेले की महिमा, और तकनीकी नवाचारों का अद्भुत मेल होते हैं। संस्कृति ग्राम के रूप में जो पहल की जा रही है, वह एक नयी दिशा दिखाती है, जिसमें आधुनिक तकनीकी सुविधाओं के साथ पारंपरिक भारतीय संस्कृति का अनूठा समागम होगा। यह आयोजन न केवल भारत के लिए एक गौरव की बात है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।