
लखनऊ। टीसीएस का सर्वर ध्वस्त होने से गुरुवार दोपहर बाद पासपोर्ट सेवा बाधित हो गई। हजरतगंज स्थित रतन स्क्वायर पहुंच आवेदक घंटों इंतजार के बाद निराश लौटने को विवश हुए। करीब पांच हजार से ज्यादा आवेदकों को अब नए सिरे से अपॉइंटमेंट लेना होगा। इससे 10 से 15 दिन की देरी होगी। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद टीसीएस के सर्वर में सुधार नहीं हो सका है। पिछले कई दिनों भी सर्वर की दिक्कत बनी हुई है।
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय लखनऊ के अंतर्गत 32 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र और चार पासपोर्ट सेवा केंद्र आते हैं। मुख्यालय गोमतीनगर में है। कार्यालय के अंतर्गत रोज पासपोर्ट के करीब 6500 अपॉइंटमेंट दिए जाते हैं। बताया जा रहा है कि गुरुवार दोपहर 12 बजे तक करीब 1500 आवेदकों का काम हुआ था। इसके बाद सर्वर स्लो हो गया। इस बीच टाइम स्लॉट के अनुसार आवेदक पहुंचते गए और भीड़ लग गई।
आलम यह रहा कि तीन बजे तक रतन स्क्वायर में लंबी कतार लग चुकी थी। उमस के बीच लोग परेशान होते रहे। सर्वर के काम नहीं करने से जहां लोगों को दोबारा अपॉइंटमेंट लेना होगा, वहीं कर्मचारियों के सामने पेंडेंसी निपटाने की भी चुनौती रहेगी।
लखनऊ में पासपोर्ट बनवाने के लिए आसपास के जिलों तक से आवेदक आते हैं। 300 से 400 किमी तक की दूरी तय करके आए कई लोगों को बिना काम हुए लौटना पड़ा। लखनऊ आरपीओ के अधिकार क्षेत्र में अंबेडकरनगर, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, मऊ, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कानपुर नगर, कौशाम्बी, खीरी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी समेत कई जिले आते हैं।