लखनऊ : साइबर जालसाजों ने ठगे 1.26 करोड़ रुपये

लखनऊ लखनऊ में शेयर ट्रेडिंग में निवेश का झांसा देकर साइबर जालसाजों ने कारोबारी समेत दो लोगों से 1.26 करोड़ रुपये ठग लिए। कई गुना मुनाफा दिखने पर पीड़ितों रुपये निकालने का प्रयास किया तो उन्हें ब्लॉक कर दिया गया। ठगी का अहसास होने पर पीड़ितों की तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

सुशांत गोल्फ सिटी स्थित सेलेब्रिटी ग्रींस इलाके में कारोबारी कुलदीप राज गुप्ता रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 24 जून को उनके पास वॉट्सऐप कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि वह राजकोट से बोल रहा है। उसने अपना नाम अजय बताया। इसके बाद 27 जून को एक अन्य कॉल युवराज जैन नाम के व्यक्ति ने की।

उसने बताया कि वह उज्जैन से बोल रहा है। दोनों लोगों ने उनसे कहा कि वह शेयर ट्रेडिंग के संबंध में टिप्स देते हैं और उन्हें भी ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दे सकते हैं। उनके दिए टिप्स पर निवेश करने पर मुनाफा हुआ तो 20% कमीशन देना होगा। कुलदीप की बात वॉट्सऐप के जरिए सूरत में प्रदीप भाई नाम के व्यक्ति से करवाई गई। उसने कुलदीप से आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी वॉट्सऐप पर ली, जिससे उनका ट्रेडिंग अकाउंट खोल सके।

इसके बाद पीड़ित से 2 जुलाई तक 10 बार में 73,65,009 रुपये साइबर जालसाजों ने ट्रांसफर करवा लिए। पीड़ित के मुताबिक उन्हें अपने अकाउंट में मुनाफ दिखा तो उन्होंने रुपये निकालने की कोशिश की, जालसाजों ने उनसे और रुपये मांगे। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

बीकेटी स्थित चंद्रिका विहार कॉलोनी फेज-3 इलाके में रंजू कुशवाहा रहती हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 20 मई को पति मनोज कुमार के वॉट्सऐप को वीआईपी ए7 इंडियन स्टॉक मार्केट फ्रंटियर ग्रुप पर जोड़ा गया, जिसके बाद उनके ग्रुप पर अनवी, अरफी सिंह और जय कुमार वर्मा से बात होने लगी। साइबर जालसाजों ने ट्रेडिंग में अधिक मुनाफा होने का झांसा दिया। इसके बाद वॉट्सऐप एक लिंक भेजकर अमंसा ग्रुप सर्विस डिपार्टमेंट ऐप डाउनलोड करवाया गया।

शेयर और आईपीओ के नाम पर कई बार में 52.45 लाख रुपये पीड़िता से निवेश करवाए गए। पीड़ित के अमंसा ऐप अकाउंट में मुनाफा एक करोड़ दिख रहा था। उन्होंने रुपये निकालने का प्रयास किया। पीड़िता से 20% टैक्स मांगा गया। पीड़ित ने 6 लाख रुपये टैक्स जमा करने के बाद आधे रुपये निकालने का प्रयास किया। इसके बाद साइबर जालसाजों ने पीड़िता को ग्रुप से हटा दिया। पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

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