एलओसी : रोबोटिक म्यूल और स्मार्ट बाड़ होंगे सेना के पास

जम्मू। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वीरों ने अपने पराक्रम से दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए थे। आतंकियों और उनके आकाओं को दिखा दिया कि भारत की अभेद्य सुरक्षा पार करना आसान नहीं। इसी कड़ी में भारतीय सेना की ताकत दो गुनी हो रही है, खासकर सीमावर्ती इलाकों में। एलओसी पर अब सेना उन्नत तकनीक और स्वदेशी हथियारों के दम पर किसी भी खतरे का मुंह बंद करने को तैयार है। रोबोटिक म्यूल, स्मार्ट बाड़ और मिनी ड्रोन जैसे अत्याधुनिक उपकरण दुर्गम इलाकों में सैनिकों की ताकत बढ़ा रहे हैं और किसी भी आतंकवादी हरकत को तुरंत नाकाम करने में मदद कर रहे हैं।

एलओसी पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना ने स्मार्ट बाड़, रोबोटिक म्यूल और कठिन इलाके में चलने वाले विशेष वाहन तैनात किए हैं। 7 से 10 मई के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना क्वाडकॉप्टर, निगरानी ड्रोन, बुलेटप्रूफ वाहन और रात में देखने वाले उपकरण का सफल परीक्षण कर चुकी है।

स्वतंत्रता दिवस से पहले सुंदरबनी के दूरदराज इलाकों में त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत मीडिया को सुरक्षा अभ्यास दिखाया गया। सेना ने बताया कि आर्मडो जैसी हल्की बख्तरबंद गाड़ियाँ और स्वदेशी विकसित रोबोटिक म्यूल दुर्गम इलाकों में रसद ले जाने, विस्फोटक पहचान और निगरानी में मदद करेंगी। ये रोबोट समूह में काम कर सकते हैं, यानी “मिनी रोबोट सेना” बन जाती है।

सेना ने कहा कि निगरानी ड्रोन और मिनी UAV संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त के लिए जरूरी उपकरण बन चुके हैं। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में किसी भी आतंकवादी खतरे को रोकने के लिए गश्त बढ़ाई गई है और डॉग स्क्वायड तैनात किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार ये नई तकनीक और स्वदेशी उपकरण सैनिकों की सुरक्षा और ऑपरेशन क्षमता को और मजबूत करेंगे।

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