अंसल ग्रुप पर 400 करोड़ का दावा करेगा एलडीए

लखनऊ।  अंसल ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अंसल ग्रुप के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ के कड़े तेवर के बाद एफआईआर दर्ज कराए गए हैं। अब लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी अपनी दावेदारी की तैयारी में है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) में अंसल एपीआई बिल्डर पर एलडीए 400 करोड़ रुपये के साथ 411 एकड़ जमीन का दावा ठोकेगा। एलडीए के अधिवक्ता मंगलवार को अपना दावा (क्लेम फार्म) एनसीएलटी में पेश करेंगे। अंसल को दिवालिया घोषित किए जाने के मामले में एलडीए का भी पक्ष सुनने के लिए उसे पक्षकार बनाए जाने के लिए पैरवी की जाएगी। फिलहाल अगर एनसीएलटी में सुनवाई नहीं होती है तो एलडीए के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुला हुआ है।

एनसीएलटी में दावा पेश करने के लिए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की अगुवाई में अफसरों की एक टीम गुरुवार को दिल्ली पहुंची थी। वहां शनिवार तक रुक कर एलडीए के अधिवक्ता अभिषेक के साथ क्लेम दाखिल करने को लेकर कागज तैयार करवाए। उसका ड्राफ्ट फाइनल होने के बाद टीम लौट आई है। एनसीएलटी में क्लेम फॉर्म जमा करने के लिए 11 मार्च अंतिम तिथि है। अंसल की ओर से बनाए जा रहे हाईटेक टाउनशिप सुशांत गोल्फ सिटी में एलडीए की 411 एकड़ जमीन है।

अंसल बिल्डर की ओर से इस जमीन को हाईटेक टाउनशिप नीति के अनुसार योजना पूर्ण करने के लिए परफार्मेंस गारंटी के रूप में एलडीए के पक्ष में बंधक रखा था। अंसल पर बगैर एनओसी लिए ही इसे बेचने का आरोप है। इसके अलावा विभिन्न मदों में एलडीए के 400 करोड़ रुपये का भी भुगतान अंसल ने नहीं किया है। एलडीए की ओर से भुगतान किए जाने के लिए अंसल को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। अब इसी 400 करोड़ रुपये और 411 एकड़ जमीन के लिए एलडीए की ओर से एनसीएलटी में दावा पेश करेंगे।

अंसल सुशांत गोल्फ सिटी में प्लाट के लिए रुपये जमा करने के बाद भी कब्जा न पाने वाले आवंटियों को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) में क्लेम फॉर्म जमा करना है। इसके लिए 11 मार्च अंतिम तिथि है। ऐसे में अभी भी कई आवंटी हैं जो कि क्लेम फार्म भरने के लिए साइट पर लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं। सुशांत गोल्फ सिटी में प्लाट के नाम पर अंसल से ठगे गए आवंटियों ने न्याय के लिए एकजुट होकर लड़ने के लिए वॉट्सऐप ग्रुप बनाया है। अलग-अलग बने तीन ग्रुपों में दो हजार से भी ज्यादा सदस्य हैं।

अंसल के दिवालिया होने की प्रक्रिया में एनसीएलटी के रिसीवर ने आवंटियों से क्लेम फार्म जमा करने को कहा है। ग्रुप पर आवंटी अजय ने फार्म का स्क्रीन शॉट डाल कर पूछा है कि क्लेम के लिए कौन सा फॉर्म भरना है। इसके साथ किस आईआरपी के पास क्लेम फॉर्म जमा करें, इसको लेकर आवंटियों के बीच जानकारी का अभाव है। ऐसे ही कई आवंटी हैं जो कि अभी तक क्लेम फार्म भरने को लेकर असमंजस में हैं।

But why has this apparently harmless and innocent device risen from zero to hero in almost no time, why are there all these people competing at world level to get the best scores and top record after record? Vishwa also finds out that Meera and her "father" are CBI officers who lured him to Mumbai so that they could locate and arrest Ramadorai.

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