एसबीआई को आखिरी डेडलाइन

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में सुनवाई करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि वह चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनिंदा तौर पर क्यों दे रहे हैं। कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड का नंबर मुहैया कराने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने गुरुवार शाम 5 बजे तक SBI को एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। हलफनामे में इस बात का जिक्र करना होगा कि उनके पास कोई जानकारी अब बची नहीं है। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि एक बार जब हमने निर्देश दे दिया तो हम आज क्या कर रहे हैं.. बहुत सारे मुद्दे हल हो जाएंगे। इस मामले में एडवोकेट प्रशांत भूषण ने राजनीतिक दलों की तरफ से चंदा देने वाले के नामों का खुलासा नहीं करने मुद्दा उठाया। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि हम अभी रिव्यू करने नहीं बैठे हैं।

सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस अदालत ने कार्यवाही को तार्किक और पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए चुनावी बान्ड योजना पर जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया था। इस प्रकार पैरा बी और सी में ऑपरेटिव निर्देश जारी किए थे। पैरा बी में एसबीआई को 12 अप्रैल, 2019 से फैसले की तारीख तक इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद का डिटेल प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। इसमें पैरा सी में नाम, मूल्यवर्ग आदि शामिल होंगे। सीजेआई ने कहा कि हमने चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों की जानकारी मांगी थे.. और एसबीआई को ऐसे नकदीकरण की तारीख सहित राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक बांड के विवरण का खुलासा करना था। यह इंगित करता है कि एसबीआई को खरीद और भुनाने के संबंध में सभी डिटेल देने थे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई अपने साथ सभी सूचनाओं का खुलासा करेगा। इसमें चुनावी बांड नंबरों या अल्फा न्यूमेरिक नंबरों का विवरण शामिल होगा।

चीफ जस्टिस ने कहा कि साल्वे का कहना है कि सभी विवरण प्रस्तुत किए जाएंगे। हम एसबीआई चेयरमैन को गुरुवार शाम 5 बजे एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं। इसमें कहा गया है कि पैरा 221 में दिए गए निर्देशों के अनुसार कोई भी जानकारी प्रकटीकरण से नहीं रोकी गई है। ईसीआई एसबीआई से डेटा प्राप्त होने के बाद तुरंत विवरण अपलोड करेगा।

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