
नई दिल्ली। लैंड फॉर जॉब केस में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। उन्होंने इस मामले में निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाकर राहत देने की मांग की गई है। दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही इस मांग से इनकार कर चुका है। उसी आदेश के खिलाफ लालू की ओर से शीर्ष अदालत का रुख किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 मई को दिए आदेश में कहा था कि रेलवे में नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में निचली अदालत में कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है। हाई कोर्ट ने सीबीआई की एफआईआर को रद्द करने की यादव की याचिका पर केंद्रीय जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया था और सुनवाई 12 अगस्त के लिए स्थगित कर दी थी।
लालू यादव की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि पिछली जांच और उसकी समापन रिपोर्टों को छिपाकर नई जांच शुरू करना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि निष्पक्ष जांच के उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन करते हुए ‘अवैध’ और दुर्भावना से प्रेरित जांच के जरिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।
यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप हैं कि रेलवे में कई अभ्यर्थियों को अवैध तरीके से नौकरी दी गई थी, जिसके बदले लालू परिवार और करीबियों के नाम पर जमीनें लिखवाई गई थीं। सीबीआई ने इस केस के आपराधिक पहलू की जांच की, जबकि मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू को ईडी देख रही है।
दोनों ही मामलों में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, बेटे तेजस्वी यादव समेत अन्य परिजन और करीबी आरोपी हैं। जांच एजेंसियां निचली अदालतों में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी हैं। लालू समेत अन्य आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं।