भोपाल: मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने बुधवार को 16वीं विधानसभा में अपने संबोधन में सरकार की कल्याण और विकास योजनाओं को सूचीबद्ध किया। लेकिन एक योजना जिसने सबका ध्यान खींचा वो थी पूर्व सीएम शिवराज की चालू की हुई स्कीम लाडली बहना योजना। उनके अभिभाषण में इसका जिक्र तक नहीं हुआ। इसके साथ ही कांग्रेस ने लाडली बहना के साथ अभिभाषण के टाइम को लेकर भी सवाल उठाए है। राज्यपाल के भाषण में प्रदेश के बजाए केंद्र की घोषणाओं का ज्यादा जिक्र किया। जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए की कहीं दिल्ली वाला पर्चा भोपाल में तो नहीं पढ़ दिया?
माना जाता है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की शुरू की गई वुमन ऑरिएंटेंड स्कीम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके चलते महिला मतदान में 2% की वृद्धि हुई। प्रदेश के गवर्नर के संबोधन से इसके स्पष्ट बहिष्कार ने सबको हैरान कर दिया है। यह योजना न केवल 1.3 करोड़ से अधिक महिलाओं को हर महीने 1,250 रुपये देती है। इसके साथ ही सरकार ने चुनावों के करीब इसका विस्तार किया गया और इसमें आवास और एलपीजी लाभ भी शामिल किया गया।
कांग्रेस के सीनियर विधायक राम निवास रावत और बाला बच्चन ने बुधवार को राज्यपाल के भाषण को एक से अधिक बार रोका। इसके साथ ही उन्होंने राज्यपाल को टोकते हुए कहा कि उनके संबोधन में लाडली बहना योजना गायब है।
इस मामले में सीएम मोहन यादव ने बाद में सदन के बाहर स्पष्ट किया कि ‘महिला सशक्तीकरण की योजनाएं प्रभावित या बंद नहीं होंगी’। अमरकंटक जा रहे चौहान ने बुधवार देर रात कहा कि लाडली बहना योजना जारी रहेगी। रायसेन के बरेली में उन्होंने कहा, ‘ऐसी गलत सूचना है कि इसे रोक दिया जाएगा।’
लाडली बहना योजना की लागत प्रति वर्ष 19 हजार करोड़ रुपये है। हर बेनिफिशियरी महिला को 1,250 रुपये प्रति माह कैश मिलता है। हालांकि कैश की कमी से जूझ रही सरकार पर बोझ है। चुनावों से पहले, तत्कालीन सीएम चौहान ने इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 प्रति माह करने का वादा किया था। अगर ऐसा हुआ तो इसकी लागत 45,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी।
मौजूदा राज्य सरकार को विरासत में 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज मिला है और एक हफ्ते के भीतर 2,000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने की उम्मीद है। चुनाव से पहले किए गए सभी वादे और शुरू की गई योजनाओं को पूरा करने पर सरकार का खर्च 35,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा (लाडली बहना के साथ 1,250 रुपये प्रति माह) मिलाकर।
अपने 29 पेज के भाषण में राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा कि बीजेपी का 2023 का संकल्प पत्र घोषणापत्र ‘पीएम मोदी की गारंटी’ और विकसित मध्य प्रदेश के लिए एक विज़न डॉक्यूमेंट है। इसके साथ ही कहा कि ‘यह संतोष की बात है कि मेरी सरकार ने संकल्प पत्र में उल्लिखित बिंदुओं को लागू करने का काम शुरू कर दिया है।’ राज्यपाल ने कहा, ‘तेंदूपत्ता संग्रहण की दर 3,000 रुपये प्रति बोरा से बढ़ाकर 4,000 रुपये कर दी गई है। 35 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब 162 करोड़ रुपये और अधिक मिलेंगे।’
सरकार ने कहा कि ‘मध्यप्रदेश के मन में बसने वाले मोदी की हर गारंटी की पूर्ति के लिए सरकार संकल्प पत्र में उल्लिखित सभी बिंदुओं को समय-सीमा में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश को 45 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए, सरकार प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ अगले सात वर्षों में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। राज्यपाल ने कहा किअगले 5 वर्षों में आदिवासी कल्याण पर 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने का लक्ष्य है।’ उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आदिवासी कल्याण योजनाओं के विकास और कार्यान्वयन के लिए राजभवन में एक अलग आदिवासी सेल की स्थापना की गई है।कांग्रेस ने पूछा कि लाडली बहना योजना का जिक्र क्यों नहीं किया गया और यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल का अभिभाषण ज्यादातर केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में था।
शपथ लेने के बाद अपनी पहली प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लाडली बहना योजना पर बार-बार पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। गुरुवार को सदन में राज्यपाल का अभिभाषण तय किया गया है। यह महसूस करते हुए कि कांग्रेस लाडली बहना का मुद्दा उठाएगी, भाजपा ने बुधवार शाम विधायक दल की बैठक बुलाई।