खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा

खरमास के समाप्‍त होने में अब मात्र एक सप्ताह का वक्‍त बाकी बचा है। उसके बाद खरमास 14 अप्रैल से समाप्‍त हो जाएंगे और शादी विवाह मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य फिर से आरंभ हो जाएंगे। खरमास में ग्रहों की अशुभ दशा की वजह से कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। जब तक सूर्य मीन रा‍शि में रहते हैं तब तक शादी विवाह आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं। उसके बाद सूर्य के मेष राशि में आने पर खरमास समाप्‍त हो जाते हैं और फिर से शुभ कार्य आरंभ हो जाते हैं। इस बार सूर्य 13 अप्रैल को अपनी उच्‍च राशि मीन में गोचर करेंगे और उसके अगले दिन 14 अप्रैल से फिर से शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। फिर से शादियों की शहनाइयां बजने लगेंगी और घरों में शादी की रौनक नजर आने लगेगी।

खरमास को लेकर ज्‍योतिष में कहा जाता है कि इन दिनों में ग्रहों की नकारात्‍मक ऊर्जा प्रभावशाली रहती है। इसलिए कोई भी शुभ कार्य इस वक्‍त संपन्‍न नहीं किया जाता है। ज्‍योतिष के अनुसार सूर्य जब मीन राशि में या फिर धनु राशि में होते हैं तो उनकी ऊर्जा काफी कम होती है और ऐसा कहा जाता है कि शुभ कार्य के संपन्‍न होने के लिए सूर्य का तेजस्‍वी होना जरूरी होता है। सूर्य 13 अप्रैल को उच्‍च राशि मेष में आकर आदित्‍य योग बनाएंगे और उनकी सकारात्‍मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। इस स्थिति में शुभ कार्य संपन्‍न किए जाने के बेहतरीन परिणाम आपको प्राप्‍त होते हैं, इसलिए खरमास के बाद ही शुभ कार्य करना अच्‍छा माना जाता है।

अप्रैल के महीने में विवाह का पहला मुहूर्त 14 अप्रैल है। उसके बाद 16 अप्रैल, फिर 18 अप्रैल को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद 19, 20 और 21 अप्रैल को भी शादियां होंगी। फिर 25, 29 और 30 अप्रैल को शादी का मुहूर्त है। 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त है। अक्षय तृतीया का दिन शादी विवाह के लिए सबसे शुभ मुहूर्त में से एक माना जाता है।

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