केजरीवाल की घोषणाएं सिर्फ फर्जीवाड़ा : माकन

दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन और अन्य सदस्यों के साथ “मौका मौका हर बार धोखा” शीर्षक से एक पुस्तिका लॉन्च की। इस पुस्तिका का उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) की सरकारों की विफलताओं और उनके अधूरे वादों को उजागर करना है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि दोनों सरकारों ने दिल्ली के लोगों से जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं किए और इससे दिल्लीवासियों को धोखा हुआ है। “मौका मौका हर बार धोखा” नामक पुस्तिका में भाजपा और आप दोनों की सरकारों की विफलताओं को स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। पुस्तिका में इन दोनों पार्टियों द्वारा किए गए वादों के अधूरे होने और उनके विकास कार्यों की कमी को उजागर किया गया है, जिससे दिल्ली में आम आदमी को किसी भी तरह का फायदा नहीं हुआ।

अजय माकन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर निशाना साधा। माकन ने केजरीवाल की सरकार को वचन और योजनाओं के मामले में नाकाम बताया। उनका आरोप था कि केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को स्वास्थ्य, शिक्षा, और सार्वजनिक सेवाओं के मुद्दे पर जो वादे किए थे, वे अधूरे रह गए। माकन ने केजरीवाल सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए, खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में उनके दावों की वास्तविकता पर। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल सरकार ने बिजली और पानी के मामलों में जो राहत देने का वादा किया था, वह भी दिल्लीवासियों के लिए सिर्फ एक दिखावा साबित हुआ है।

माकन ने साफतौर पर कहा कि केजरीवाल को अगर एक शब्द में परिभाषित किया जा सकता है तो वह शब्द है फर्जीवाल। इस व्यक्ति की घोषणाएं सिर्फ फर्जीवाड़ा हैं, उसके अलावा और कुछ नहीं हैं। माकन ने कहा कि अगर वह (केजरीवाल) इतने गंभीर हैं तो पंजाब में इन कामों को करके दिखाएं क्योंकि वहां तो कोई उपराज्यपाल भी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, वह एंटी नेशनल हैं, उनकी कोई विचारधारा नहीं है सिवाय अपनी निजी महत्वाकांक्षा के। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, केजरीवाल की पार्टी का जन्म लोकपाल और जनलोकपाल के लिए हुआ था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार कहती है कि हम काम की राजनीति करते हैं, लेकिन सच्चाई है कि ये काम की राजनीति भी नहीं करते। जेब में 2 रुपए का पेन रखते हैं, पार्टी का नाम आम आदमी रखा है, लेकिन राजा की तरह शीशमहल में रहते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगाती रहती है, जबकि परेशान जनता होती है, जो इन दोनों के बीच फंसी है। इन दोनों सरकारों ने बीते कई वर्षों में दिल्ली को नफरत का बाजार बना दिया है। यहां बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और दिल्ली को बनाने वाले लोगों के सम्मान से लगातार समझौता किया गया है। 

कांग्रेस का यह कदम दिल्ली विधानसभा चुनाव के राजनीतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। पुस्तिका के जरिए कांग्रेस भा.ज.पा. और आप की सरकारों की विफलताओं को उजागर करने और दिल्लीवासियों के बीच अपनी राजनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। यह कदम कांग्रेस पार्टी की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह विकास के मुद्दे पर भाजपा और आम आदमी पार्टी को घेरने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही, कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल और उनके नेतृत्व की आलोचना करते हुए यह संदेश देने की कोशिश की है कि दिल्ली में वास्तविक विकास और जनता के मुद्दों के लिए कांग्रेस ही सबसे उपयुक्त विकल्प हो सकती है।

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